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पतंजलि योगपीठ की तरफ से स्वामी रामदेव ने ओलंपियन रैस्लर और पदक विजेता खिलाडि़यों का स्वागत वैदिक मंत्रेच्चारण के साथ किया।


हरिद्वार –  हरिद्वार में वैदिक गुरुकुलम में पतंजलि योगपीठ परिवार की तरफ से स्वामी रामदेव ने शनिवार को ओलंपियन रैस्लर और पदक विजेता खिलाडि़यों का स्वागत वैदिक मंत्रेच्चारण के साथ किया गया। स्वामी रामदेव ने सभी खिलाडि़यों को रुद्राक्ष की माला पहनाकर शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया।

स्वामी रामदेव ने कहा कि सभी ओलंपिक पदक विजेता 135 करोड़ भारतीयों की आन-बान और स्वाभिमान का प्रतीक हैं। बजरंग पूनिया, रवि दहिया व दीपक ने वैश्विक स्तर पर पहुँचकर। विश्व विजेता बनकर भारत और उसके 135 करोड़ नागरिकों का गौरव बढ़ाने का कार्य किया है।

42 वर्षों में ऐसा पहली बार हुआ जब भारत ने इतने पदकों पर विजय प्राप्त हुई है। आज हरियाणा वह राज्य बन गया है। जहाँ पर सर्वाधिक पदक प्राप्त करने वाले खिलाड़ी हैं। मैं ऐसे प्रदेश और उस प्रदेश के खिलाड़ियों का अभिनंदन करता हूँ। स्वामी रामदेव ने कहा कि वैसे तो मैं सभी खेलों का सम्मान करता हूँ। लेकिन  कुश्ती व कबड्डी हमारे यहाँ युगों-युगों से मल युद्ध के रूप में खेली जाती रही हैं। इसलिए पतंजलि परिवार अब कुश्ती व कबड्डी जैसे खेलों को ग्लैमर युक्त बनाने की कोशिश करेगा। साथ ही ऐसे खेलों व खिलाडि़यों को प्रोत्साहित भी करेगा।

आज क्रिकेट व उसके खिलाडि़यों को ही सेलेब्रिटी समझा जाता है और उनको ही महिमामंडित किया जाता है। लेकिन पतंजलि गाँव की मिट्टी से जुड़े व कुश्ती व कबड्डी जैसे खेलों में विश्व विजेता बनकर भारत को गौरवान्वित करने वाले खिलाडि़यों को सम्मानित करेगा। इसी क्रम में आज पतंजलि और रुचि सोया की तरफ से इन सभी खिलाडि़यों को ब्रांड अम्बेसडर प्रमोट किए जाने की घोषणा स्वामी रामदेव ने की है।

इस अवसर पर रेस्लर रवि दहिया ने ओलंपिक के सफर पर बोलते हुए कहा कि खिलाड़ी में लगन, कठोर मेहनत का जज्बा और उसका गोल निर्धारित होना चाहिए। 24 घण्टे मेहनत करने की चाहत ही उसे एक खिलाड़ी बनाती है। जब आप अपने लक्ष्य को सुबह-शाम जीते हैं तब जाकर आप कोई पदक हासिल कर पाते हैं। हम आठ साल की उम्र से कुश्ती में आ गए थे। बस कुश्ती में एक दिन नाम बनाना है, यही लक्ष्य था जो आज हमने हासिल कर लिया। जब लोग हमारा अभिवादन करते हैं तो बहुत अच्छा लगता है। रामदेव द्वारा किया गया सम्मान मेरे लिए किसी सपने से कम नहीं है। मैं उनका धन्यवाद करता हूँ। पतंजलि विश्वविद्यालय में तैयार हो रहे कुश्ती के खिलाडि़यों को इन रेस्लरों से कुश्ती के गुर सिखवाएगे।

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