मंगलवार को जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान की नापाक हरकत ने भारत मां से उसके दो वीर छीन लिए। उत्तराखण्ड के बेटे ने अपनी भारत मां की रक्षा के लिए अपने प्राण निछावर कर दिए। गुरुवार का दिन उत्तराखण्ड की आवाम की आंखों में आंसू ले आया। शहीदों के लिए जयकारे ऋषिकेश और कोटद्वार (पौड़ी गढ़वाल) में लग रहे थे लेकिन आवाज पूरे देवभूमि उत्तराखण्ड में गूंज रही थी जो अपने दो बेटे की शहादत का बदला पाकिस्तान से मांग रही थी। दोनों शहरों में जांबाजों की अंतिम यात्रा में अपार जन सैलाब उमड़ पड़ा। ‘भारत माता की जय’ और ‘आतंकवाद मुर्दाबाद’ के नारों के बीच लोगों में पाकिस्तान के प्रति जबरदस्त आक्रोश देखने को मिला।
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बुधवार को दोनों शहीदों के पार्थिव शरीर हेलीकॉप्टर से ऋषिकेश और कोटद्वार लाए गए। शहीद हमीद पोखरियाल को ऋषिकेश के पूर्णानंद घाट पर पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। ब्रिगेडियर वीएम चौधरी, कर्नल सामंता, 11वीं गढ़वाल राइफल के मेजर राहुल मिश्रा और कैप्टन सिद्धार्थ सिन्हा समेत सैन्य अफसरों ने पुष्पचक्र अर्पित किया।
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वहीं कोटद्वार में राजकीय बेस चिकित्सालय में शहीद मंदीप सिंह रावत के पार्थिव देह को सेना के वाहन में उनके आवास पर लाया गया। यहां सैकड़ों लोग शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए एकत्र थे।
करीब नौ बजे अंतिम यात्रा रवाना हुई तो सड़क पर जाम की नौबत आ गई। लोग भारत माता के इस सपूत के दर्शनों के लिए सड़क के दोनों ओर प्रतीक्षा कर रहे थे। कोटद्वार के मुक्तिधाम श्मशान घाट पर साथ ही गढ़वाल राइफल्स रेजीमेंटल सेंटर कमांडेंट कर्नल शलभ सनवाल और कर्नल बीएस गुसाईं समेत सैन्य अफसरों ने पुष्प चक्र अर्पित किए।
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आपको बात दें कि मगंलवार सुबह जम्मू-कश्मीर के गुरेज सेक्टर में आतंकवादियों ने घुसपैठ की कोशिश की थी।
इस दौरान जब सेना ने आतंकवादियों को रोकने की कोशिश की तो आतंकियों ने जवानों पर फायरिंग कर दी। सेना की ओर से जवाबी फायरिंग की गई। इस घटना में 36 राष्ट्रीय राइफल के मेजर केपी राणे, जवान हमीर सिंह, विक्रमजीत और मंदीप सिंह रावत शहीद हो गए थे। हमीर सिंह ऋषिकेश के रहने वाले थे तो वहीं मंदीप सिंह रावत उत्तराखंड के कोटद्वार के रहने वाले थे। दोनों के परिवार में मातम छाया हुआ है।
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