देहरादून: महिला से दुष्कर्म और बच्ची के जन्म के आरोप में घिरे विधायक महेश नेगी का डीएनए सेंपल लिया जाना था। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) कोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी महेश नेगी का डीएनए के लिए ब्लड सैंपल देने के आदेश दिए थे।
उन्हें इसके लिए सीजेएम कोर्ट में उपस्थित होना था। वहां दून अस्पताल प्रबंधन को भी डीएनए सैंपल के लिए टीम भेजने के आदेश कोर्ट ने दिए थे। साथ ही विवेचना अधिकारी को निर्देशित किया गया था कि पीड़िता की पुत्री को भी सैंपलिंग के लिए कोर्ट में नियत समय पर लेकर आएं।
लेकिन बड़ी खबर सामने आ रही है, महेश नेगी ब्लड सैंपल देने के लिए पेश नहीं हुए। उन्होंने कोर्ट में न पेश होने का कारण खुद का बीमार होना बताया। जिसके बाद अब 11 जनवरी को विधायक महेश नेगी, पीडि़ता और उसकी बेटी को फिर से बुलाया गया है।
यह भी पढ़े:उत्तराखंड:कोरोना संक्रमण की मार,लॉकडाउन के बाद पहली बार बिके 26 हजार से ज्यादा वाहन
यह भी पढ़े:असम में गढ़वाल राइफल के अरविंद सिंह नेगी का हुआ निधन, 6 महीने से परिवार को था इंतजार
बता दें विधायक महेश नेगी के खिलाफ एक महिला ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था। इस मामले में पुलिस ने पीड़िता की ओर से मुकदमा दर्ज नहीं किया था। ऐसे में पीड़िता ने कोर्ट को शिकायत की। इसके बाद नेहरू कॉलोनी में विधायक महेश नेगी व उनकी पत्नी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।
पीड़िता का आरोप है कि विधायक ने देश के कई शहरों में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया है। इससे उनकी एक बेटी भी पैदा हुई है। पीड़िता का दावा है कि उसने बेटी का डीएनए टेस्ट कराया था, जिसमें महेश नेगी ही उसके जैविक पिता होने की पुष्टि हुई थी।
यह भी पढ़े:उत्तराखंड:पूर्व सैनिक राजेश सेमवाल,फ्री में देते हैं युवाओं को ट्रेनिंग,65 ने पास की परीक्षा
यह भी पढ़े:फिल्म की दुनिया में आगे बढ़ रही है उत्तराखंड की तृप्ति,फिल्म बुलबुल के लिए मिला बेस्ट अभिनेत्री का खिताब