देहरादून: उत्तराखंड प्रदेश के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी ने कुछ देर पहले ही पद एवं गोपनीयता की शपथ ली है। खास बात ये है कि धामी कैबिनेट में कई नए चेहरों को मौका मिला है। मंत्रिमंडल युवा नजर आ रहा है। लेकिन एक बात जो देखने वाली है, वो ये है कि कई पुराने दिग्गजों का पत्ता भी मंत्रिमंडल से कट गया है। कुछ शीर्ष नेताओं की फिर से मंत्री बनने की आस पूरी नहीं हो पाई है। इस लिस्ट में प्रमुख तौर पर प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, पूर्व शिक्षा व खेल मंत्री अरविंद पांडे, पूर्व पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल और पूर्व शहरी विकास मंत्री बंशीधर भगत का नाम शामिल है। मुख्यमंत्री धामी की टीम में सतपाल महाराज, सौरभ बहुगुणा, प्रेम चंद अग्रवाल, गणेश जोशी, चंदन रामदास, सुबोध उनियाल, रेखा आर्य और धन सिंह रावत को जगह मिली है।
मदन कौशिक
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का कद भाजपा की सरकार के पिछले कार्यकाल में बढ़ता ही गया था। वह पहले कैबिनेट में शामिल थे। बता दें कि मदन कौशिक शहरी विकास मंत्रालय के साथ कई मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। साल 2021 में उन्हें भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष बनाया था। हरिद्वार से लगातार पांचवी बार चुनाव जीतकर विधायक बने मदन कौशिक ने पार्टी को 47 सीटों तक पहुंचाने में खासा जोर आजमाइश की। अब माना जा रहा था कि उन्हें इस बार भी कैबिनेट में जगह मिल सकती है। लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। मदन कौशिक को धामी कैबिनेट में जगह नहीं मिली है।
अरविंद पांडे
गदरपुर विधानसभा सीट से विधायक अरविंद पांडे आजतक चुनाव नहीं हारे हैं। उन्हें पांचवीं बार बतौर विधायक विधानसभा सदन में पहुंचने का मौका मिला है। अरविंद पांडे भाजपा के पिछले कार्यकाल में बड़ी जिम्मेदारी निभा रहे थे। उन्हें शिक्षा व खेल मंत्रालय निभाने की जिम्मेदारी मिली थी। कहना होगा कि अरविंद पांडे ने कोरोना जैसे मुश्किल समय में दो अहम मंत्रालयों को संभाला था। ऐसे में कयास थे कि भाजपा उन्हें फिर से महत्वपूर्ण रोल दे सकती है। लेकिन कयास सिर्फ कयास रह गए हैं। धामी कैबिनेट में अरविंद पांडे को भी जगह नहीं मिली है।
बंशीधर भगत
उत्तराखंड में भाजपा ने नई सरकार बना ली है। मंत्रिमंडल भी तय हो चुका है। एक और बड़ा नाम जो इस लिस्ट में से नदारद है, वो कालाढूंगी विधायक बंशीधर भगत का है। बता दें कि कालाढूंगी से जीत की हैट्रिक लगाने वाले बंशीधर भगत का इस लिस्ट में ना होना अचंभित इसलिए करता है क्योंकि उन्हें कद्दावर नेता के साथ साथ अनुभवी भी माना जाता है। गौरतलब है कि भगत पिछली सरकार में शहरी विकास मंत्रालय का जिम्मा संभाल रहे थे। लेकिन इस बार उन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिल सकी है।
बिशन सिंह चुफाल
उत्तराखंड में भाजपा को खड़ा करने में बिशन सिंह चुफाल का नाम भी जोरों से लिया जाता है। बिशन सिंह चुफाल उत्तराखंड की डीडीहाट विधानसभा सीट से आजतक चुनाव नहीं हारे हैं। साल 2021 में जब पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनाया गया था, जब बिशन सिंह चुफाल ने भी मंत्री पद की शपथ ली थी। उन्हें पेयजल मंत्री बनाया गया था। ऐसे में धामी के फिर से मुख्यमंत्री बनने के बाद ये अटकलें थी कि बिशन सिंह चुफाल का नाम मंत्रिमंडल में जरूर शामिल होगा। लेकिन हुआ इसका बिल्कुल विपरीत है। बिशन सिंह चुफाल को भी कैबिनेट में जगह नहीं मिली है।