देहरादून: राज्य के छात्रों के कर्म ने एक बार फिर सुर्खियां बटोरी है। एक बार फिर देवभूमि अपने ऊपर गर्व महसूस कर रहा है क्योंकि उसके बच्चे दुनिया भार में नाम कमा रहे हैं। इस बार कामयाबी की खबर राज्य की राजधानी देहरादून से आ रही है। दून स्कूल के चार छात्रों ने अप्रैल के पहले सप्ताह में यमुनोत्री का बाली पास फतह किया। छात्रों को यह यात्रा एक हफ्ते में पूरी की। दून स्कूल के पूर्व छात्र और हिमालयन माउंटेनियरिंग इंस्टीट्यूट, दार्जीलिंग के पहले प्रधानाचार्य रहे मेजर नरेंद्रधर जयाल की 60वीं पुण्यतिथि पर यह आयोजन किया गया था। य़ात्रा करने वाले सभी 12वीं के छात्र है। छात्र स्टेंजिन नमग्याल, समरवीर सिंह मुंडी, शिवेंद्र प्रताप सिंह और रणविजय सिंह ने कुशलपूर्वक बाली पास फतह किया।
दून स्कूल के निदेशक पब्लिक रिलेशंस पीयूष मालवीय ने इस यात्रा पर जानकारी देते हुए बताया कि 4950 मीटर की ऊंचाई पर स्थित बाली पास हरकी दून वैली से यमुनोत्री धाम को जोड़ता है।
उन्होंने बताया कि छात्रों ने अपनी यात्रा अप्रैल के पहले हफ्ते में शुरू की थी। आठ अप्रैल को छात्र वापस लौट आया थे। बाली पास में इन दिनों बर्फीली हवाएं, तूफान और बारिश का जोर रहता है, जिस कारण इस ट्रैक पर चढ़ाई करना कठिन माना जाता है। लेकिन, स्कूली छात्रों ने बेहद कम समय में कठिन माहौल में भी अपनी यात्रा को सफलता पूर्वक पूरा किया और चोटी फतह की। इससे पहले भी दून स्कूल के कई छात्र बांदरपूंछ पर्वत पर चढ़ाई कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि ये यात्रा मेजर जयाल को श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से की गई थी। वैसे भी पिछले कई बार उत्तराखण्ड के युवाओं की इस तरह की य़ात्रा के बारे में खबरे सामने आती रहती है। कुछ माह पहले समुद्र की यात्रा कर वर्तिका जोशी ने भी राज्य का मान बढ़ाया था।