देहरादून: पुलवामा आतंकी हमले में देश के 44 जवान शहीद हो गए। इस हमले में उत्तराखंड के दो जवान शहीद हो गए है। शनिवार को सीआरपीएफ में एएसआई मोहनलाल रतूड़ी का पार्थिव शव देहरादून उनके आवास पहुंचा। इसके बाद उनके घर पर कोहराम मच गया है। शहीद के घर में अंतिम दर्शन को जनसैलाब उमड़ पड़ा।
इस मौके पर शहीद की बेटी नम आंखों से उन्हें देखती रही, जिसने मौजूद लोगों के आंखों पर भी आंसू ला दिए। मोहनलाल मूल रूप से उत्तरकाशी चिन्यालीसौड़ के बनकोट गांव के रहने वाले हैं, गांव से उनके रिश्तेदार भी उनके अंतिम दर्शनों के देहरादून पहुंचे हैं। शहीद मोहन लाल रतूड़ी रामपुर ग्रुप सेंटर की 110 बटालियन में जम्मू-श्रीनगर हाई-वे पर रोड गश्त ड्यूटी में तैनात थे।
शहीद मोहनलाल रतूड़ी की अंतिमयात्रा में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत सहित गणेश जोशी, विनोद चमोली, कांग्रेसी नेता सूर्यकांत धस्माना और कई पुलिस -सीआरपीएफ अधिकारी मौजूद रहे। सीएम समेत विधायक और नेताओं ने शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित कर कंधा दिया। और पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए हरिद्वार ले जाया गया।
इस मौके पर लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा। परिजन इस सदमे में है। वहीं शहादत का बदला लेने के लिए भी लोगों ने नारे लगाए। इसके साथ ही जब तक सूरज चांद रहेगा, मोहन तेरा नाम रहेगा नारे से पूरा इलाका गूंज उठा। बता दें 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले में भारत ने 44 जवान खोए। इस घटना ने पूरे देश को झंझोर कर रख दिया। वहीं पूरा देश पाकिस्तान से इस हमले का बदला चाहता है। इसके अलावा शुक्रवार को झांसी में जनसभा को संबोधित करने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान को चेतावनी दी और कहा कि इस हमले का बदला लिया जाएगा। सेना को जवाबी कार्रवाई के लिए समय और स्थान की इजाजत दे गई है। पीएम ने कहा कि हमारे जवानों ने देश की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दी है। उनका ये बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। पुलवामा के दोषियों को सजा जरूर मिलेगी।