
Uttarakhand: UPL 2025: उत्तराखंड प्रीमियर लीग क्रिकेट 2025 शुरू होने से पहले ही विवाद खड़ा हो गया है। नैनीताल हाईकोर्ट में इस टूर्नामेंट को लेकर एक याचिका दायर की गई, जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने बीसीसीआई और क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड (सीएयू) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
दरअसल, क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के पूर्व उपाध्यक्ष सुरेंद्र भंडारी ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर आरोप लगाया है कि लीग का ठेका बिना पारदर्शिता के एक ही कंपनी के मालिक को दे दिया गया, जो नियमों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि टेंडर प्रक्रिया को सार्वजनिक नहीं किया गया और बोर्ड के हितों से समझौता कर लिया गया।
याचिकाकर्ता ने यह भी दावा किया कि बीसीसीआई द्वारा 2019 से अब तक सीएयू को 22 करोड़ रुपये से अधिक का फंड मिला, लेकिन इस राशि का सही उपयोग खिलाड़ियों और खेल सुविधाओं पर नहीं किया गया। आरोप है कि खिलाड़ियों को टूर्नामेंट में बेहतर सुविधा देने की बजाय उनका पेट केले और पानी से भर दिया गया।
सुरेंद्र भंडारी ने कहा कि उत्तराखंड प्रीमियर लीग के आयोजन से बोर्ड को करीब दो करोड़ रुपये मिलने थे, लेकिन उसे भी माफ कर दिया गया। साथ ही, फ्रेंचाइजी कंपनियों के विज्ञापन से होने वाली आय को भी नजरअंदाज कर दिया गया।
इस मामले पर मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने बीसीसीआई, सीएयू और उसके पदाधिकारियों से जवाब तलब किया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि टेंडर प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए और पूरे मामले की जांच जरूरी है।






