देहरादून: उत्तराखंड रोडवेज के चालक परिचालक अब अलग रंगों की वर्दी में नजर आएंगे। गौरतलब है कि चार साल पहले हाईकोर्ट ने भी रोडवेज प्रबंधन को इस हेतु निर्देश दिए थे। मगर अब जब बीते हफ्ते चंडीगढ़ में परिवहन विभाग द्वारा उत्तराखंड रोडवेज की बस का चालान चालक परिचालक की वर्दी ना पहनने को लेकर जाता गया तो आदेश जारी कर दिए गए हैं।
बता दें कि साल 2000 में उत्तराखंड राज्य और साल 2003 में उत्तराखंड रोडवेज का गठन हुआ था। मगर रोडवेज कर्मचारियों को वर्दी भत्ता देने के मामले में उत्तराखंड रोडवेज प्रबंधन हमेशा पीछे रहा। सेवा नियमावली और हाईकोर्ट के मुताबिक काफी वक्त पहले से ही रोडवेज बस चालक परिचालकों को वर्दी भत्ता दिया जाना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
अब चंडीगढ़ में वर्दी ना पहनने को लेकर रोडवेज बस का चालान हुआ तो सरकार के आदेश पर प्रबंधन ने चालक व परिचालकों को तीन हजार रुपये सालाना वर्दी भत्ता देने के आदेश दिए। बुधवार को रोडवेज महाप्रबंधक दीपक जैन ने आदेश जारी कर सभी चालक-परिचालकों को शीघ्र वर्दी भत्ता देने की बात कही।
उल्लेखनीय है कि चालकों के लिए वर्दी का रंग खाकी पैंट व शर्ट जबकि परिचालकों के लिए वर्दी का रंग सिलेटी पैंट व शर्ट तय किया गया है। अगर भत्ता मिलने के 15 दिन के भीतर वर्दी नहीं पहनी तो पहली बार पकड़े जाने पर 250 रुपये जुर्माना देना होगा। जबकि इसके बाद वर्दी भत्ते की रिकवरी के साथ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी होगी।