
pithauragarh|UttarakhandNews|Gangolihat roadways station ready, but no buses operate: पिथौरागढ़ जिले के सीमांत क्षेत्र गंगोलीहाट में करोड़ों रुपये खर्च कर बना रोडवेज बस स्टेशन आज भी यात्रियों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाया है। करीब 3.10 करोड़ रुपये की लागत से मुख्य बाजार से एक किलोमीटर दूर इस स्टेशन का निर्माण पूरा हो चुका है, लेकिन यहां से अब तक एक भी बस सेवा शुरू नहीं की गई है।
गंगोलीहाट क्षेत्र को राज्य की लाइफ लाइन कही जाने वाली रोडवेज बस सेवा से जोड़ने के उद्देश्य से यह स्टेशन बनाया गया था। लोगों को उम्मीद थी कि यहां से दिल्ली, देहरादून, हल्द्वानी, टनकपुर, अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ के लिए सीधी बसें चलेंगी…लेकिन स्टेशन के तैयार होने के महीनों बाद भी सिर्फ उम्मीदें ही बाकी हैं।
वर्तमान में केवल काठगोदाम डिपो की एक बस गंगोलीहाट पहुंचती है…जो रात में यहां रुककर अगले दिन काठगोदाम लौट जाती है। बाकी रूटों पर कोई सीधी बस सेवा नहीं है। ऐसे में यात्रियों को बाजार से गुजरने वाली कुछ रोडवेज बसों या फिर निजी टैक्सियों के सहारे ही सफर करना पड़ रहा है।
पिथौरागढ़ डिपो के एआरएम रवि शेखर कापड़ी ने कहा कि गंगोलीहाट बस स्टेशन को अभी तक डिपो को हस्तांतरित नहीं किया गया है। विभिन्न रूटों पर सीधी बस सेवाएं शुरू करने पर विचार चल रहा है और यात्रियों की संख्या के आधार पर आगे की रूपरेखा तय की जाएगी।
गौरतलब है कि उत्तराखंड के गठन को 25 वर्ष पूरे हो गए हैं…लेकिन बेरीनाग और गंगोलीहाट क्षेत्र के हजारों लोगों को अब तक जिला मुख्यालय पिथौरागढ़ या राजधानी देहरादून के लिए सीधी रोडवेज बस सेवा का लाभ नहीं मिल पाया है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने कार्यकाल में इन क्षेत्रों से सीधी बस सेवा शुरू करने की घोषणा की थी…लेकिन सरकार बदलने के बाद यह योजना ठंडे बस्ते में चली गई। आज भी लोग उसी वादे के पूरे होने का इंतजार कर रहे हैं।






