हल्द्वानी: रोडवेज पर एक बार फिर संकट के बादल मंडराने शुरू हो गए हैं। एक बार फिर कर्मचारियों के वेतन देने में रोडवेज को परेशानी हो रही है। रोडवेज की आय को रोजाना लाखों का झटका लग रहा है। यात्रियों की कमी से एक बार फिर पुरानी स्थिति उत्पन्न हो गई है। अब रोडवेज कर्मचारियों के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं। यही कारण है कि अब कर्मियों ने चुनावों में ली जा रही बसों पर भी ड्यूटी करने से हाथ पीछे खींच लिए हैं।
गौरतलब है कि कोरोना की पहली लहर ने उत्तराखंड रोडवेज को भारी चपत लगाई थी। वो एक ऐसी चपत थी जिस से आजतक रोडवेज उबर नहीं पाया है। बाद में जब संक्रमण में कमी आई तो गाड़ी पटरी पर लौटी लेकिन दूसरी लहर ने फरि वही हाल कर दिया। हालांकि अब कुछ समय से रोडवेज घाटे से बाहर आ रहा था। कर्मियों को वेतन देना भी शुरू हो गया था। रोडवेज के करीब सात हजार कर्मचारियों को नवंबर का वेतन तो मिल गया था मगर उसके बाद मिलने वाले वेतन पर फिर ब्रेक लग गया है।
बता दें कि कोरोना की तीसरी लहर इस बार जाड़ों के सीजन में आई है। ये भी एक वजह रही कि यात्रियों का ग्राफ पहले से खासा गिर गया। वरना पिछले करीब छह माह से रोडवेज की गति ठीक चल रही थी। रोडवेज के कई सारे डिपो तो आय के मामले में प्रतिदिन नए रिकॉर्ड बना रहे थे। मगर फिर रोडवेज उसी स्थिति में लौट गया है। इस परिस्थिति में रोडवेज प्रबंधन कर्मचारियों को अब तक दिसंबर का वेतन नहीं दे पाया है। करीब साढ़े तीन हजार संविदा, विशेष श्रेणी एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को लेकर बड़ा संकट खड़ा हो गया है।
जानकारी के मुताबिक यात्रियों की कमी के कारण आय में करीब 80 से 90 लाख की रोजाना चपत लग रही। जहां संचालन में रोडवेज रोज पौने दो से दो करोड़ रुपये तक की कमाई करता है। वहीं इन दिनों उसकी कमाई एक से सवा करोड़ के बीच ही फंस कर रह गई है। इस कमाई से डीजल खर्च, टोल व रख-रखाव ही सही से हो पा रहा है। अब दूसरी तरफ चुनावों में भी बसों की ड्यूटी लग रही है। चूंकि चुनाव चल रहे हैं इसलिए सरकार से भी मदद की उम्मीद नहीं है। ऐसे में परेशानियों का सैलाब रोडवेज दोबारा महसूस करने लगा है।
उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन के प्रदेश महामंत्री अशोक चौधरी ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रोडवेज बसों को चुनाव ड्यूटी के लिए तो लिया जा रहा है। मगर कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया जा रहा। वहीं रोडवेज महाप्रबंधक दीपक जैन ने बताया कि बजट जुटाने के लिए पुरजोर कोशिशें की जा रही हैं। बहुत जल्द दिसंबर का वेतन जारी कर दिया जाएगा। बता दें कि कर्मचारियों ने चुनाव में ली जा रही बसों पर ड्यूटी करने से इनकार कर दिया है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि परेशानी किस कदर बढ़ गई है।