हल्द्वानी: उत्तराखण्ड को मान्यता मिलने के बाद पूरा राज्य खुशी मना रहा था। फैंस को क्रिकेट का इंतजार था और खिलाड़ियों को मौके का। बीसीसीआई ने क्रिकेट संचालन की चाबी क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखण्ड को दी। टीम की चयन प्रक्रिया पहले दिन से सवालों के घेरे पर रह रही थी लेकिन अब जो कागज मीडिया में वायरल हो रहा है वो राज्य क्रिकेट में तूफान ला सकता है। विजय हजारे टीम के चयन के बाद कई सवाल संघ की कार्यशैली में उठ रहे थे। पहले 40 खिलाड़ियों की सूची जारी की, जिसमें भारत की ओर अंडर-19 खेलने वाले अवनीश सुधा और कर्नाटका प्रीमियर खेल रहे दीक्षांशु नेगी को जगह नही दी गई। बाद में दोनों को कॉल आया और अपने प्रदर्शन ने उन्होंने टीम में जगह बनाई।
विजय हजारे के लिए 15 खिलाड़ियों को टीम में शामिल किया गया और 5 को स्टैंड बाई में रखा गया। अब उस लिस्ट में एक नाम को संभावित टीम से काटा गया और उसके स्थान पर स्टैंड बाई में रखे खिलाड़ी को जगह दे दी गई। जिस खिलाड़ी का नाम काटा गया है उसका नाम है आर्या सेठी जो अंडर-19 इंडिया बी का भी सदस्य रह चुका है। वहीं सेठी के नाम को काटकर तनुष एकेडमी के संचालक संजय गुंसाई के बेटे तनुष गुंसाई को जगह दी गई। टीम की सूची 15 सितंबर को सामने आई। जो लिस्ट वायरल हो रही है वो हाथ लिखी गई है जिसमें चयनकर्ताओं के साइन भी है।
अब सवाल उठाता है कि क्या संघ के लोग चयनकर्ताओं के फैसले के खिलाफ जाकर अपनी चला रहे हैं। वहीं चयनकर्ता मनोज मुद्गल का बीच से चला जाने का मुख्य कारण भी सामने नहीं आया है। सूत्र केवल ये बातते हैं कि उनके ऊपर दवाब बनाया जा रहा था और इससे नाखुश होकर वह वापस चले गए। क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखण्ड पर लगातार आरोप लग रहे हैं और अगर वक्त रहते संघ ने अपनी कार्यशैली को ठीक नहीं किया तो आने वाला कल ना उत्तराखण्ड क्रिकेट के लिए अच्छा होगा ना ही खिलाड़ियों के लिए।