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उत्तराखंड में शिक्षकों को वेतन वृद्धि पाने के लिए कम से कम छह महीने करनी होगी ड्यूटी


देहरादून: प्रदेश के शिक्षकों के लिए एक ज़रूरी आदेश जारी किए गए हैं। इन आदेशों को जारी करने के साथ ही शिक्षा विभाग ने वेतनमान और वेतन वृद्धि को लेकर चल रहे गरम विवाद पर पानी डाल दिया है। दरअसल शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की वेतन वृद्धि को लेकर तस्वीर साफ कर दी है। अब शिक्षकों को छह माह ड्यूटी करने के बाद ही पहली वेतन वृद्धी देय होगी। बता दें कि वेतन वृद्धि के लिए शिक्षा विभाग ने स्पष्टीकरण के साथ आदेश जारी किए हैं।

शिक्षा विभाग ने आदेश जारी किए हैं। इसी कड़ी में वित्त नियंत्रक मोहम्मद गुलफाम अहमद ने सभी सीईओ और वित्त अधिकारियों को इस बाबत दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। उन्होंने बताया कि सामान्य वित्तीय नियमों को मानते हुए वेतन निर्धारित होने के बाद पहली वेतन वृद्धि एक साल की सेवा पूरी होने के बाद ही देने की व्यवस्था है। बता दें कि छठें वेतनमान को लेकर प्रदेशभर में बवाल मचा हुआ था।

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दरअसल कुछ वक्त पहले देहरादून के सीईओ ने शिक्षा निदेशालय को छठें वेतनमान में शिक्षकों के चयन वेतनमान और वेतन वृद्धी के विवाद पर दिशा निर्देशों के लिए संपर्क किया था। जिसमें ये बताया गया था कि कुछ स्थानों पर छठवें वेतनमान में शिक्षकों को चयन-प्रोन्नत वेतनमान मान्य होने की तारीख से अगला इंक्रीमेंट छह महीने से पहले ही दे दिया जा रहा है। तब ये बताया गया था कि पूरे प्रदेश में यही स्थिति बनी हुई है।

अब शिक्षा विभाग के आदेशानुसार व्यवस्था को स्पष्ट किया गया है। आदेश में साफ किया है कि ड्यूटी को कम से कम छह माह का समय पूरा होने पर ही पहली वेतन वृद्धि देय होगी। आदेश में कहा गया है कि अगर कहीं भी किसी भी जिले में गलत व्यवस्था के तहत वेतन वृद्धि या वेतनमान के निराकरणों से निपटा जा रहा है तो इसे फौरन नियमों के मुताबिक ठीक करा लें। बता दें कि अब जिन कर्मचारियों के सालाना इंक्रीमेंट की तारीख 01 जनवरी 2006 से 30 जुलाई 2006 के बीच है। उनका इंक्रीमेंट एक जनवरी 2006 से जबकि 01 जुलाई 2006 से 31 दिसंबर 2006 के बीच तय इंक्रीमेंट एक जुलाई 2006 से मान्य होगा। माना जा रहा है कि इससे विवाद भी खत्म हो जाएगा।

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