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6 नवम्बर से उत्तराखंड बनेगा वैश्विक विज्ञान का केंद्र, जानिए क्या खास है विबकॉन 2025 में!

Vibcon2025
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मुक्तेश्वर (नैनीताल): उत्तराखंड के नैनीताल ज़िले के सुंदर पहाड़ी कस्बे मुक्तेश्वर में स्थित आई.सी.ए.आर. भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आई.वी.आर.आई.) एक बार फिर वैश्विक वैज्ञानिक विमर्श का केंद्र बनने जा रहा है। आगामी 6 से 8 नवम्बर 2025 तक यहां अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ‘विबकॉन 2025 का आयोजन होगा…जिसका थीम है “वन हेल्थ परिदृश्य में पशुधन उत्पादन और संरक्षण की परिकल्पना।

इस सम्मेलन का आयोजन भारतीय पशु चिकित्सा प्रतिरक्षा विज्ञान एवं जैव प्रौद्योगिकी सोसाइटी (आई.एस.वी.आई.बी.) के 30वें वार्षिक अधिवेशन के रूप में किया जा रहा है। आयोजन का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर पशु स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा, जैविक विविधता और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर एक समन्वित दृष्टिकोण अपनाना है।

भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान जिसे 1889 में स्थापित किया गया था देश में पशु स्वास्थ्य और किसानों की आजीविका सुधार के क्षेत्र में दशकों से अग्रणी भूमिका निभा रहा है….यही कारण है कि विबकॉन-2025 जैसे उच्चस्तरीय सम्मेलन की मेजबानी इस प्रतिष्ठान को सौंपी गई है।

विभिन्न देशों के 250 से अधिक वैज्ञानिक, शोधार्थी और विशेषज्ञों के सम्मेलन में भाग लेने की संभावना है। इनमें पशु स्वास्थ्य, प्रतिरक्षा विज्ञान, जैव प्रौद्योगिकी, महामारी विज्ञान और जनस्वास्थ्य से जुड़े विशेषज्ञ शामिल होंगे।

सम्मेलन के प्रमुख संरक्षक होंगे संस्थान के निदेशक डॉ. त्रिवेणी दत्त, अध्यक्ष डॉ. यशपाल सिंह मलिक, और आयोजन सचिव की जिम्मेदारी संभालेंगे डॉ. करम चंद तथा डॉ. अमित कुमार।

इसके अलावा भारत सरकार के पशुपालन, स्वास्थ्य, पर्यावरण, और कृषि मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी, साथ ही आई.सी.ए.आर…आई.सी.एम.आर., डी.बी.टी., सी.एस.आई.आर. जैसे प्रतिष्ठित अनुसंधान संस्थानों के वैज्ञानिक और देश के विभिन्न कृषि एवं पशु चिकित्सा विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधि भी कार्यक्रम में भाग लेंगे।

इस आयोजन में करीब 35 उद्योग विशेषज्ञ भी शामिल होंगे, जो वैक्सीन, बायोटेक्नोलॉजी और पशु स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम कर रहे हैं।

सम्मेलन से एक दिन पूर्व 5 नवम्बर को आई.सी.एम.आर. के सहयोग से “वन हेल्थ” विषय पर एक प्रायोगिक कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। इस विशेष कार्यशाला में चयनित शोधार्थियों को नवीनतम अनुसंधान तकनीक और प्रयोगशाला विधियों का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाएगा।

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