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उत्तराखंड परिवहन निगम के इस अधिकारी को किया गया निलंबित

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देहरादून: उत्तराखंड परिवहन निगम के उप महाप्रबंधक (वित्त) भूपेंद्र कुमार को भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में निलंबित कर दिया गया है। निगम की प्रबंध निदेशक रीना जोशी ने यह कार्रवाई विजिलेंस की जांच और दर्ज मुकदमे के आधार पर की।

17 जुलाई को विजिलेंस विभाग ने भूपेंद्र कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। मामला मई 2023 में शुरू हुआ, जब राज्य निगम कर्मचारी-अधिकारी महासंघ ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को एक पत्र भेजकर डीजीएम पर भ्रष्टाचार के संगीन आरोप लगाए। आरोप पत्र में कहा गया था कि भूपेंद्र कुमार ने निगम के अनुबंधित बस स्वामियों से अपने पारिवारिक सदस्यों के बैंक खातों में बड़ी रकम ट्रांसफर कराई। साथ ही लाखों रुपये नकद भी लिए गए।

महासंघ ने अपने पत्र में भूपेंद्र कुमार के पारिवारिक सदस्यों के नाम और उनके बैंक खातों का पूरा विवरण भी उपलब्ध कराया था। इन साक्ष्यों के आधार पर मुख्यमंत्री ने विजिलेंस को खुली जांच के आदेश दिए। जांच के दौरान यह सामने आया कि अनुबंधित बस स्वामियों से धनराशि सीधे पारिवारिक खातों में भेजी गई और कई लेनदेन नकद में हुए।

जांच रिपोर्ट विजिलेंस ने सरकार और निगम प्रबंधन को सौंपी, जिसके बाद निगम की प्रबंध निदेशक ने तत्काल प्रभाव से भूपेंद्र कुमार को निलंबित करने का आदेश जारी किया। निलंबन अवधि में उन्हें निगम मुख्यालय से संबद्ध रखा जाएगा और उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी शुरू की जाएगी।

इस मामले ने निगम और परिवहन विभाग में हलचल मचा दी है। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि भ्रष्टाचार के मामलों में त्वरित और कड़ी कार्रवाई से व्यवस्था में सुधार आएगा। वहीं, विजिलेंस विभाग अब इस मामले में आगे की जांच कर अन्य संबंधित लोगों की भूमिका भी खंगाल रहा है।

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