देहरादून: एज ग्रुप क्रिकेट में दस्तावेजों के साथ गड़बड़ी व अन्य धोखाधड़ी के मामले सामने आते हैं। हर साल कई खिलाड़ियों को गड़बड़ी करने की सजा मिलती है लेकिन फिर भी ये सिलसिला जारी है। उत्तराखंड में भी पिछले तीन सालों में कई खिलाड़ियों के नाम सामने आए हैं और उनपर बैन लगाया गया है। इस बार एक मामला अंडर-19 क्रिकेट से जुड़ा है। कैंप में चुने गए खिलाड़ी एकलव्य गुप्ता ने उत्तराखंड के अलावा उत्तर प्रदेश का भी जन्म प्रमाण पत्र बनाया है। जन्म प्रमाण पत्र में तिथि एक ही है लेकिन ये नियमों के खिलाफ है।
अंडर-19 ट्रायल के बाद उत्तराखंड क्रिकेट टीम के लिए कैंप का आयोजन हुआ था। कैंप में शामिल होने वाले खिलाड़ियों के दस्तावेजों की जांच की गई जो एक प्रोटोकॉल का हिस्सा रहता है। टीम में शामिल सभी खिलाड़ियों के दस्तावेज सत्यापन के लिए बीसीसीआइ को भेजे गए थे। सत्यापन में पता चला कि बल्लेबाज एकलव्य गुप्ता दो जन्म प्रमाण पत्र बनाए गए हैं। एक मेरठ का है और दूसरा देहरादून का।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) ने टीम में चयन के लिए धोखाधड़ी करने पर उत्तराखंड के क्रिकेटर एकलव्य गुप्ता पर दो वर्ष का प्रतिबंध लगा दिया है। एकलव्य पर लगाया गया प्रतिबंध 20 सितंबर 2021 से शुरू हो गया है। बीसीसीआइ के मेडिकल कंसलटेंट डा. अभिजीत सालवी ने इस संबंध में सीएयू को मेल कर दिया है। युवा एकलव्य दो साल तक घरेलू क्रिकेट में हिस्सा नहीं ले पाएंगे।