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उत्तराखंड: बिना तीर के ही मारा गया रावण? यहाँ मची अफरा-तफरी

rawan ka putla gira
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रुद्रपुर: विजयादशमी से पहले रुद्रपुर के गांधी पार्क में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब रावण, कुंभकरण और मेघनाद के विशालकाय पुतले तेज हवा और बारिश की वजह से अचानक गिर गए। पुतले ज़मीन पर गिरते ही क्षतिग्रस्त हो गए, जिससे आयोजकों की तैयारियों को तगड़ा झटका लगा है।

हर साल की तरह इस बार भी दशहरे पर रावण दहन की भव्य तैयारी की गई थी। रुद्रपुर में 65 फीट ऊंचे रावण और 60-60 फीट ऊंचे मेघनाद और कुंभकरण के पुतले तैयार किए गए थे। आयोजन स्थल गांधी पार्क में इन्हें सुबह से ही खड़ा किया गया था। लेकिन दोपहर बाद अचानक मौसम ने करवट ली। तेज हवा और हल्की बारिश के बीच पुतले एक-एक कर ज़मीन पर आ गिरे।

तेज़ हवा ने बिगाड़ा खेल, लेकिन टला बड़ा हादसा
गनीमत रही कि हादसे के वक्त मैदान में ज्यादा लोग मौजूद नहीं थे, जिससे किसी को चोट नहीं आई। हालांकि, पुतलों को गंभीर नुकसान पहुंचा है किसी का सिर टूट गया, किसी का हाथ और किसी का पैर अलग हो गया। अब आयोजकों के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि शाम को प्रस्तावित रावण दहन कार्यक्रम कैसे संपन्न कराया जाए।

आयोजन समिति के सदस्य हरीश अरोड़ा ने कहा कि अचानक मौसम के बदलाव की वजह से पुतले गिर गए और थोड़ा बहुत क्षति पहुंची है…लेकिन हम दर्शकों को निराश नहीं करेंगे। समिति की बैठक जारी है और शाम को हर हाल में रावण दहन किया जाएगा।

गौरतलब है कि इन पुतलों को तैयार करने में तीन महीने से ज्यादा का वक्त और लगभग डेढ़ लाख रुपये खर्च हुए हैं। हर साल रामपुर से आई विशेष टीम इन पुतलों को तैयार करती है। पुतलों के गिरने से कलाकारों और आयोजकों की मेहनत पर भी पानी फिरता नजर आ रहा है…लेकिन वैकल्पिक व्यवस्था की कोशिशें तेज़ हैं।

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