हल्द्वानी:उत्तराखंड पुलिस स्मार्ट राह पर निकल गई है। कुछ दिन पूर्व राज्य में ईएफआईआर सेवा का शुभारंभ किया गया।हल्द्वानी में हुई प्रेस वार्ता में डीआईजी कुमाऊं नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि अब लोगों को पुलिस स्टेशनों के चक्कर लगाने नहीं पड़ेंगे। मोबाइल और कंप्यूटर से वो अपनी वस्तु के होने की रिपोर्ट घर बैठे दर्ज करा सकते हैं। उन्होंने कहा कि मोबाइल खोलें ड्राइविंग लाइसेंस को प्रमाणपत्र होने के अनेक मामले सामने आते हैं। ईएफआईआर सेवा के शुरू होने के बाद उन्हें इस तरह के मामलों की रिपोर्ट दर्ज कराने में आसानी होगी। इसके साथ ही डीआईजी ने यह भी बताया कि उत्तराखंड पुलिस वन ऐप के जरिए जनता को कई सेवा मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि ईएफआईआर सेवा का केवल खोए हुए वस्तुओं के लिए इस्तेमाल होगी।
“उत्तराखण्ड पुलिस एप्प” में उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा आम-जनता के लिये संचालित की जा रही सभी निम्न ऑनलाईन एप्प की सुविधाओं का एक साथ एकीकरण किया गया है-
· गौरा शाक्ति (महिलाओं की सुरक्षा हेतु)
· ट्रैफिक आई (यातायात नियमों के उल्लघंन की जानकारी देने हेतु)
· मेरी यात्रा (उत्तराखण्ड चार धाम और पर्यटन से सम्बन्धित जानकारी हेतु)
· नशा मुक्त उत्तराखण्ड (नशे से बचाव व उससे सम्बधित जानकारी)
· साईबर शिकायत(ऑनलाईन धोखाधडी आदि)
· सत्यापन ( चरित्र, किरायेदार आदि )
· महत्वपूर्ण फोन नम्बर्स
· पुलिस स्टेशन्स
· सोशल मीडिया
· सीनियर सिटीजन पोर्टल
· खोयी सम्पत्ति
· पुलिस सिटीजन पोर्टल
· कानूनी अधिकार
· ट्रैक यौर कम्पलेन्टस
· ई- एफआईर की सुविधा
उत्तराखण्ड पुलिस एप्प में इमेरजेन्सी नम्बर डायल 112 व साइबर फ्रॉड की शिकायत दर्ज करने हेतु साइबर हैल्प लाईन नम्बर 1930 को भी जोडा गया ।
पुलिस उपमहानिरीक्षक कुंमायूँ परिक्षेत्र नैनीताल डॉ. नीलेश आनन्द भरणें द्वारा आमजनमानस से अनुरोध किया गया कि उक्त एप( उत्तराखण्ड पुलिस वन एप) जो कि समस्त एन्ड्रायड फोनों के प्ले स्टोर पर उपलब्ध है ,को अधिक से अधिक डाउनलोड कर ई- सुविधा का लाभ प्राप्त करें ।