
देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने दैनिक वेतन, कार्यभारित, संविदा, नियमित वेतन, अंशकालिक तथा तत्सम रूप में नियुक्त कर्मचारियों के विनियमितीकरण (संशोधन) नियमावली, 2025 को अधिसूचित कर दिया है। यह संशोधन राज्यपाल द्वारा प्रदत्त संविधान के अनुच्छेद 309 के अधिकारों के तहत जारी किया गया है।
नई नियमावली तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है।
क्या है मुख्य संशोधन?
संशोधन के तहत दैनिक वेतनभोगी, कार्यभारित, संविदा, नियमित वेतन, अंशकालिक तथा तत्सम कर्मचारियों के विनियमितीकरण नियमावली, 2013 के नियम 4 में बदलाव किए गए हैं।
नए नियम के अनुसार, विनियमितीकरण के पात्र वही कर्मचारी माने जाएंगे, जो—
- दैनिक वेतन, कार्यभारित, संविदा आदि किसी भी श्रेणी में कार्यरत हैं, तथा
- 04 दिसंबर 2018 तक जारी पदों पर कम से कम 10 वर्षों की निरंतर सेवा पूरी कर चुके हों।
पूर्व नियम के अनुसार पाँच वर्ष की सेवा भी पर्याप्त थी, किंतु संशोधन के बाद यह अवधि बढ़ाकर 10 वर्ष कर दी गई है।
नियमावली का उद्देश्य
इस संशोधन का उद्देश्य विभिन्न श्रेणियों के अस्थायी/अनियमित कर्मचारियों की सेवा शर्तों को स्पष्ट करना तथा विनियमितीकरण की पात्रता को एकरूप बनाना है।
सरकारी स्तर पर दस्तावेज जारी
अधिसूचना पर सक्षम अधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित आदेश जारी किया गया, जिसके तहत संशोधित नियम अब राज्य के सभी विभागों में लागू होंगे।






