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उत्तराखंड को मिले तीन पद्मश्री सम्मान , बछेद्री पाल बनी भारत की एकमात्र महिला खिलाड़ी


देहरादूनः 26 जनवरी को मौके पर कई स्थानों पर शहीदों को याद किया गया। इसी मौके में कई कलाकारो को भी सम्मान प्रदान किया गया । जिसमें 112 लोगों को सम्मानित किया गया है । वहीं हर बार की तरह इस बार भी उत्तराखंड से कई कलाकारों के नाम आने की खबर के अनुसार इस बार उत्तराखंड के तीन कलाकारों को पद्मश्री सम्मान दिये गये है जो कि उत्तराखंड के हर व्यक्ति के लिए गौरव की बात है । उत्तराखंड में जिन तीन लोगो को पद्मश्री सम्मान उनमें उत्तराखंड के मशहुर फोटोग्राफर अनुप साह भी है। जिनकी तस्वीरों ने विश्व के हर व्यक्ति को अपना मुरीद बना के रखा है । साह की 1500 ऐसी भी तस्वीरें है जिन्हे पूरे विश्व ने पसंद किया है और साह की कई तस्वीरों को विश्व के मंचों में सराहा गया है । साह फोटोग्राफर के साथ लेखक और पर्वतारोही भी है । अनुप साह ने अपनी तस्वीरों के जरिये अपनी संस्कृति को भी सहजो के रखा है ।वहीं उत्तराखंड के जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण को भी पद्मश्री सम्मान दिये जाने की घोषण की गई है । प्रीतम दा ने उत्तराखंड की संस्कृति को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाया है। जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण अपने ढोल सागर और लोक संगीत के लिए भी जाने जाते है । प्रीतम भरतवाण को लोक गायन की संस्कृति अपने दादा और पिता से विरासत में प्राप्त हुई है । प्रीतम दा के दादा जी जागर गायक थे जिसके बाद उनके पिता और आज प्रीतम भरतवाण ने अपनी संस्कृति को उजागर रखा है । मात्र 5 साल की उम्र से प्रीतम भरतवाण लोक संगीत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा रहे हैं। उत्तराखंड की जागर कला को उन्होंने एक नया रूप दिया है । प्रीतम दा से पहले बसन्ती बिष्ट को भी जागर गायन के लिए पद्मश्री सम्मान मिल चुका है । जिसके बाद बसन्ती बिष्ट ने कहा था कि ये सम्मान पहाड़ की गौरवशाली लोकपरम्परा का सम्मान है जो हमारे पूर्वजों ने हमें सौंपी है । प्रीतम भरतवाण को जागर गायन के साथ ढोल सागर का भी अच्छा ज्ञान है।उत्तराखंड में खिलाड़ियों के सम्मान के लिए बछेंद्री पाल को पद्म भूषण के सम्मान से नवाजा गया है। जिसमें भारत सरकार द्वारा जारी पद्म भूषण पुरस्कार की सूची में बछेंद्री पाल एकमात्र खिलाड़ी हैं। बछेंद्री पाल का जन्म 1954 में उत्तरकाशी के नकुरी गांव में हुआ था। उस वक्त उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश में था। बछेंद्री 12 साल की उम्र से ही पर्वातारोहण करना शुरु कर दिया था। बछेंद्री पाल को साल 1984 में ही पद्मश्री से नवाजा जा चुका है। चौंसठ वर्ष की महान पर्वतारोही बछेंद्री 1984 में एवरेस्ट की चढ़ाई करने वाली पहली भारतीय महिला बनी थीं। बछेंद्री पाल 1984 में एवरेस्ट की चढ़ाई करने वाली पाँचवी महिला थी।

उत्तराखंड की तीन विभूतियों को पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। पर्वतारोही बछेंद्री पाल को पद्म विभूषण, लोक गायक प्रीतम भरतवाण, फोटोग्राफर अनूप शाह को पद्मश्री पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई है।बता दें कि इससे पहले पर्वतारोही बछेंद्री पाल अर्जुन पुरस्कार से भी सम्मानित हो चुके हैं।

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जानिए भारत सरकार की ओर से चार सर्वोच्‍च नागरिक सम्‍मान
1. भारत रत्‍न: यह सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जिसे राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है। इन सेवाओं में कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल शामिल है. इसकी शुरुआत 1954 में हुई थी। पहला भरत रत्‍न सम्‍मान देश के दूसरे राष्‍ट्रपति डॉ सर्वपल्‍ली राधाकृष्‍णन को दिया गया था।
2. पद्म विभूषण: इस सम्मान की स्थापना 2 जनवरी 1954 में की गयी थी. भारत रत्‍न के बाद यह दूसरा प्रतिष्ठित सम्मान है। यह सम्मान किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट और उल्लेखनीय सेवा के लिए प्रदान किया जाता है। इसमें सरकारी कर्मचारियों की ओर से की गई सेवाएं भी शामिल हैं।
3. पद्म भूषण: पद्म भूषण सम्मान भारत सरकार की ओर से दिया जाने वाला तीसरा सर्वोच्च सम्मान है, जो देश के लिये बहुमूल्य योगदान दिए जाने के लिए दिया जाता है।
4. पद्मश्री: भारत के नागरिक पुरस्कारों में चौथा सर्वोच्‍च पुरस्कार है। यह भारत सरकार की ओर से आम तौर पर सिर्फ भारतीय नागरिकों को दिया जाने वाला सम्मान है जो कई क्षेत्रों जैसे कि, कला, शिक्षा, उद्योग, साहित्य, विज्ञान, खेल, चिकित्सा, समाज सेवा के क्षेत्र में दिया जाता है ।

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