हल्द्वानी- किसी भी समाज की खुशहाली में लोक परंपराओं और लोकगीतों का बेहद अहम योगदान होता है। अल्मोड़ा निवासी लोक गायिका आशा नेगी भी उन्हीं कलाकारों में एक हैं, जो उत्तराखंड की लोकसंस्कृति को नई ऊंचाईयाँ देने में दिन रात जुटी हुई हैं। पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच हीरानगर में आयोजित विभिन्न प्रदेशों के सांस्कृतिक उत्सव “देशज” में एक बार फिर लोक गायिका आशा नेगी ने अपने गीतों से हर किसी को झूमने पर मजबूर कर दिया। उत्तराखंड के विविध लोक गीत शैलियों झोड़ा, चांचरी, छपेली और भगनौल गायकी में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली आशा नेगी को संगीत नाटक अकादमी द्वारा उस्ताद बिस्मिल्लाह खां युवा पुरस्कार 2017 से सम्मानित किया गया है।
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आशा नेगी के इन एलबमों ने मचाया धमाल
वर्तमान में दिल्ली निवासी लोक गायिका आशा नेगी ने आपके अपने पसंदीदा न्यूज पोर्टल “हल्द्वानी लाइव डॉट कॉम” से खास बातचीत में बताया कि उत्तराखंड के साथ-साथ देश के विभिन्न राज्यों में लोक गीतों की प्रस्तुतियां दी हैं। साल 1997 में पहली बार निस्वास एल्बम लोगों के बीच आई। इसके बाद लौंडा रे मोहना, आशा घस्यारी , माया लौंडा, मलुआ मैट, भिटोयी तयार, रंग राज समेत करीब 400 एलबम बाजार में आ चुकी हैं।
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परिवार है आशा की सबसे बड़ी ताकत
लोक गायिका आशा नेगी मूल रूप से अल्मोड़ा के कोटा गांव की रहने वाली हैं। उनकी संगीत साधना में पिता दान सिंह वाणी और माँ मोहनी वाणी का बेहद अहम योगदान है। शादी के बाद पति कुंदन सिंह नेगी ने भी भरपूर साथ दिया। परिवार में बेटा राहुल और बेटी रजनी नेगी हैं। बचपन के दिनों को याद करते हुए आशा नेगी बताती हैं कि मैं बचपन से बेहद भावुक थी। जब भी गांव में किसी महिला का पति नौकरी के लिए परदेश चला जाता था , तब पति की याद में उस महिला का दुख को न्योली गायन के जरिये प्रदर्शित किया।
बचपन में मशहूर लोकगायक नैन नाथ रावल की न्योली गायकी को सुन- सुनकर आशा नेगी ने न्योली गायन के क्षेत्र में प्रवीणता हासिल की। वर्तमान में लोक गायिका आशा नेगी प्रसिद्ध रंगकर्मी नरेंद्र पांथरी के सांस्कृतिक ग्रुप के साथ जुड़कर लोकगीतों की प्रस्तुतियाँ दे रही हैं। बताते चलें कि रंगकर्मी नरेंद्र पांथरी उत्तराखंड से एकमात्र ऐसे कलाकार हैं जो संगीत नाटक अकादमी के सदस्य हैं।
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लोक गायिका आशा नेगी को मिले ये सम्मान
लोक गायिका आशा नेगी को लोकगीतों की उत्कृष्ट प्रस्तुति के लिए कुमाँऊनी स्वर कोकिला की मानद उपाधि दी गई है। इसके साथ ही उत्तराखंड गौरव सम्मान, विशिष्ट गीत शैली सम्मान जैसे कई पुरूस्कारों से नवाजा जा चुका है।