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उत्तराखंड: कैबिनेट बैठक में लिए गए अहम फैसले, दो मिनट में पढ़ें


उत्तराखंड: कैबिनेट बैठक में लिए गए अहम फैसले

उत्तराखंड में शुक्रवार को त्रिवेंद्र सरकार की कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं। बैठक में मुख्य मुद्दा कोरोना वायरस की बढ़ती संख्या और उसकी रोकधाम रहा। इसके अलावा दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासियों को घर लाने के मिशन पर भी चर्चा हुई।

कैबिनेट ने माना कि उत्तराखंड में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई जिले अब रेड जोन में आ सकते हैं।प्रवासियों के आने पर भी कैबिनेट में चर्चा हुई कि कई लोग ऐसे हैं जो पंजीकरण कराने के बाद भी राज्य वापस नहीं आना चाहते हैं लेकिन जो लोग आना चाहते हैं उन्हें संपर्क किया जाएगा। भत्ता कटने को लेकर कर्मचारियों में संशय था जिसे दूर किया गया है। कमर्चारियों का भत्ता सरकार नहीं काटेगी बल्कि एक दिन का वेतन काटा जाएगा। मुख्य सचिव से लेकर प्रदेश के सभी कर्मचारियों के एक दिन का वेतन महीने में काटेगी सरकार। यह एक साल तक होगा और कैबिनेट ने इसपर मोहर लगा दी है।

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इसके अलावा दायित्व धारियों के वेतन पर भी कटौती पर भी मुहर लगी है। एक साल तक दायित्व धारियों का हर महीने का 5 दिन का वेतन काटेगी सरकार। मुख्यमंत्री एकीकृत बागवानी विकास योजना को कैबिनेट ने दी मंजूरी। बीज खरीदने पर अनुदान देगी सरकार। बागवानी मिशन योजना के तहत 50 प्रतिशत अनुदान सरकार देगी।

कूल हाउस के तहत कोल्ड स्टोर बनाने और कोल्ड वैन के लिए 50 प्रतिशत अनुदान देगी सरकार।श्रमिक या किसी कोरोन्टेन्ट श्रमिक को 28 दिन के अवकाश के दौरान पूरा वेतन देने पर कैबिनेट ने लगाई मुहर। उत्तराखंड उप खनिज नियमावली 2016 के तहत गढ़वाल मंडल विकास निगम के तहत खनन के पट्टो को 5 साल के लिए दिया जाएगा यह पहले एक साल था।

दो बार टेंडर निकलाने पर भी कोई व्यक्ति खनन पट्टे के लिए आवेदन नहीं करेगा तो खनन पट्टा निगम द्वारा चलाया जाएगा। इसके अलावा कोरोना जांच अब प्राइवेट लैब में भी होगी और इसकी मंजूरी डीएम द्वारा दी जाएगी। चार दिन के भीतर कोरोना टेस्ट के रेट सरकार द्वारा तय किए जाएंगे।

मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को भी अधिकार रहेगा। 3 करोड़ तक के सामान की खरीद का अधिकार। उत्तरकाशी में बनाया जाएगा कोल्ड स्टोर। करीब 13 करोड़ में मंडी परिषद बनाएगी कोल्ड स्टोर। मेगा इंडस्ट्री एंड इन्वेस्टमेंट की पॉलिसी की मियाद बढ़ी। 31 मार्च 2020 से बढ़ाकर 30 जून 2020 तक बढ़ी मियाद। ज़िला योजना में चुनाव ना होने से मुश्किल। प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से डीएम कर सकेंगे खर्च। ज़िला योजना का बजट कर सकेंगे रिलीज़।राज्य में कोई भी व्यक्ति कहीं से कहीं भी जा सकेगा। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन को ही माना जाएगा अप्रूवल। ज़िलों के ज़ोन एक जैसे होने पर लागू होगी व्यवस्था।

किसी भी व्यक्ति को क्वरांटाइन नहीं किया जाएगा। पंचायतों में खाली पड़े पदों पर नॉमिनेशन होगा। डीएम को होगा नॉमिनेशन का अधिकार।अगले 6 महीने के लिए होगा नॉमिनेशन। कैबिनेट बैठक में श्रम सुधार अधिनियम में भी किया गया बदलाव। इंडस्ट्री में 30 परसेंट कर्मचारियो पर बनेगी यूनियन। पहले 10 परसेंट कर्मचारियों पर बनती थी यूनियन।


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