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माता-पिता को नहीं है आभास, दुनिया छोड़कर चला गया है उनका प्रकाश


हल्द्वानी: राज्य के सबसे प्रिय राजनेता और वित्तमंत्री प्रकाश पंत इस दुनिया में नहीं रहे। दो दिन पूर्व उनका अमेरिका में निधन हो गया। लंबे वक्त से वो बीमार चल रहे थे। उनके निधन की खबर ने पूरे राज्य में सकते में है, लेकिन उनके माता-पिता को ये अभास नहीं है कि उनका बेटा अब इस दुनिया में नहीं रहा। प्रकाश पंत का पार्थिव शरीर शनिवार सुबह देहरादून पहुंचेगा। केबिनेट मंत्री प्रकाश पंत के निधन को दो दिन हो गए है लेकिन इस बारे में उनके माता-पिता को जानकारी नहीं दी गई है। इस बारे में उन्हें ना पता चला पाए इसके लिए घर से केबल और फोन के कनेक्शन काट दिए गए हैं। वहीं अखबार भी घर आने से रोका जा रहा है। प्रकाश पंत के बड़े भाई कैलाश पंत पिता  मोहन चंद्र पंत  से मिले पर वे भी उन्हें प्रकाश पंत के निधन की जानकारी देने की हिम्मत नहीं जुटा पाए।

कैलाश पंत का कहना था कि पार्थिव शरीर शनिवार को पिथौरागढ़ पहुंचने की संभावना है। ये दो दिन माता, पिता कैसे झेल पाएंगे। इसी डर से उन्हें सूचना नहीं दी गई है। ऐहतियात के तौर पर पंत के आवास में जिला अस्पताल के डॉक्टर तैनात थे। डॉक्टरों ने प्रकाश पंत के पिता का बीपी चेक किया।  काश पंत के पुत्र सौरभ, भाई भूपेश पंत के पुत्र गौरव, पुत्री स्वाति देहरादून से पिथौरागढ़ पहुंचे। मंत्री के कैंप कार्यालय के पास कार्यकर्ता भी जमा थे। मंत्री के पिता ने पोता, पोती के घर आने, कार्यकर्ताओं के जमा होने का कारण पूछा। परिवारजनों ने बताया कि बच्चों की छुट्टियां हो रही हैं, इस वजह से घर आए हैं। कार्यकर्ताओं के विषय में बताया कि पार्टी की मीटिंग चल रही है।

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प्रकाश पंत आखिरी बार मार्च 2018 में पिथौरागढ़ आए थे। 19 मार्च को उन्होंने विधायक विशन सिंह चुफाल के आवास पर और  20 मार्च को अपने आवास पर होली खेली थी। 21 मार्च को छरड़ी के दिन आवास पर मिलने आए लोगों को अबीर-गुलाल लगाया था। 22 मार्च को वह पिथौरागढ़ से देहरादून चले गए थे।पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम त्रिवेंद्र रावत ने प्रकाश पंत को श्रद्धांजलि दी और कहा कि पंत जी  का भाजपा को राज्य में खड़ा करने का योगदान कभी नहीं भुलाया जा सकता है।

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