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नैनीताल जिले में बनेगा उत्तराखंड का पहला बस पोर्ट, World Class सुविधाएं होगी


नैनीताल जिले में बनेगा राज्य का पहला बस पोर्ट, World Class सुविधाएं होगी

बस पोर्ट का इंतजार खत्म होने वाला है। नैनीताल जिले के रामनगर में राज्य का पहला बस पोर्ट बनेगा। इसके निमार्ण के लिए केंद्र सरकार की ओर से हरी झंड़ी मिल गई है। यह आधुनिक सुविधाओं से लेस होगा। एनएचआईडीसीएल (नेशनल हाइवे ईनफ्राटेक्क्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन) द्वारा बाकायदा आठ मई को निविदा भी जारी कर दी है। इसका निर्माण करीब 27 करोड़ रुपए में होगा।

बस पोर्ट का इंतजार काफी वक्त से था। यहां सभी प्रकार भी सुविधाएं होंगी जिस बारे में यात्री सालों से सोचते थे। बस पोर्ट में वेटिंग रूम, वाश रूम से लेकर रेस्तरां आदि होंगे। वाहनों के पार्किंग भी होगी। जिम कॉर्बेट पार्क जाने वालों पर्यटकों को भी बस पोर्ट बनने से काफी सुविधा होगी। यह पोर्ट कुमाऊं और गढ़वाल में पर्यटन को बढ़ावा देने में मील का पत्थर साबित हो सकता है। सबसे बड़ी बात रामनगर के स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।

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विधायक दीवान सिंह बिष्ट ने जानकारी दी कि यह पोर्ट तीन एकड़ जमीन में बनाया जाएगा। इसे एक साल में तैयार किया जागा। केंद्र सरकार के सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने यात्री सुविधाओं से लैस बस पोर्ट बनाने की योजना के तहत राज्यों से प्रस्ताव मांगे थे। इसके बाद राज्य सरकार ने रामनगर को बस पोर्ट के लिए चयनित कर केंद्र को प्रस्ताव भेजा था। रामनगर के लोगों का सपना जल्द साकार होने जा रहा है।

पर्यटन के लिए रामनगर का नाम पहले से पूरे देश में विख्यात हैं। सुविधा के बढ़ने से पर्टयन में हिजाफा होगा। इसे बनाने के लिए राज्य सरकार ने तेजी से कार्य शुरू कर दिया है। पिछले साल करीब प्रोजेक्ट तैयार कर सड़क एवं परिवहन मंत्रालय को भेज दिया था। चयनित वन भूमि का हस्तांतरण भी हो चुका है।परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार बस पोर्ट (बड़ा, मध्यम और लघु श्रेणी) बनाने में जो भी लागत आएगी, उसमें 40 प्रतिशत खर्चा केंद्र सरकार द्वारा दिया जाएगा।  पोर्ट का निर्माण कार्य मंत्रालय द्वारा चयनित सेंट्रल एजेंसी करेगी। बस पोर्ट से रोडवेज के अलावा निजी बस संचालकों के वाहनों को चलाने की अनुमति दिए जाने की अंडरटेकिंग राज्य सरकार मंत्रालय को देगा।

रामनगर का रोडवेज डिपो को आइएसबीटी की शक्ल दी जाएगी। पिछले साल सरकार ने प्रथम किश्त के रूप में दो करोड़ रुपये अवमुक्त किए जाने का शासनादेश भी जारी कर दिया था। कार्यदायी संस्था उत्तराखंड पेयजल निर्माण निगम को बनाया गया है। 

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