देहरादून: बारिश ने राज्य के पहाड़ी इलाकों में कहर मचाया हुआ है। बादल फटने ,भूस्खलन और बोल्डर गिरने के तमाम मामले सामने आए हैं। बारिश ने चमोरी जिले को खासकर अपनी चपेट में लिया है। देवल ब्लॉक के पद्मल्ला और फलदिया गांव में बादल फटने की घटना से लोग उभर ही रहे थे कि सोमवार को एक बड़ा हादसा हो गया। चमोली के घाट क्षेत्र के बांजबगड़ गांव में तड़के पांच बजे वज्रपात हुआ। बांजबगड़ गांव में अचानक एक मकान भूस्खलन की चपेट में आ गया। इस हादसे में मां-बेटी व आली तोक में एक युवती की मौत हो गई।
स्थानीय लोगों की सूचना के बाद आपदा प्रबंधन टीम मौके पर रेस्क्यू के लिए पहुंची। जिला आपदा कंट्रोल रूम से मिल रही जानकारी के अनुसार तड़के बांजबगड़ गांव में वज्रपात हुआ है। इसमें गांव के अब्बल सिंह का मकान मलबे में दब गया। घर के अंदर सो रही अब्बल सिंह की पत्नी रूपा देवी (35 वर्ष) व बेटी चंदा ( नौ माह) की दबकर मौत हो गई।
इसके अलावा आली गांव में भी भूस्खलन से नेनू राम का मकान दब गया। इस हादसे में बेटी नौरती (21 वर्षीय) मौत हो गई। आपदा प्रबंधन टीम के साथ स्थानीय लोग रेस्क्यू आपरेशन में जुटे हैं।चुफला गदेरा (बरसाती नाला) के उफान पर होने से दो मकान व तीन दुकाने बह गई हैं। जिले में मौसम अभी भी खराब है और हल्की बारिश जारी है। इस तरह की घटनाओं के होने से पास के क्षेत्र में दहशत का माहौल है। नदी से सटे लोगों ने अपने घर खाली कर दिए हैं।
मौसम विभाग की मानें तो अगले तीन दिनों तक मौसम के मिजाज से लोगों की दुश्वारियां बढ़ सकती हैं। विभाग ने सात जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। राज्य मौसम केंद्र ने जिला प्रशासन को जरूरी कदम उठाने की सलाह दी है। केदारनाथ हाईवे और बदरीनाथ हाईवे तीसरे दिन भी बंद है। गंगोत्री हाईवे चुंगी बड़ेथी में रविवार को फिर से बाधित हो गया। यमुनोत्री हाईवे पर यातायात सुचारु है। प्रदेश में लगभग 100 संपर्क मार्ग का नेटवर्क एक दूसरे से कट गया हैं। अधिकांश नदियां खतरे के निशान से कुछ नीचे बह रही हैं। राज्य मौसम केंद्र ने 12 अगस्त को मौसम के तेवर कुछ नरम पडऩे की संभावना जताई है। हालांकि इसके बाद लगातार तीन दिनों तक सात जिलों चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, पिथौरागढ, नैनीताल, पौड़ी और देहरादून में भारी से भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।