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उत्तराखण्ड में बारिश का तांडव, बादल फटने से तबाही,रोंगते खड़े कर देंगी ये तस्वीरें


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देहरादून: राज्य के मैदान इलाके बारिश के लिए तरस रहे हैं। वहीं पहाड़ी इलाकों में हो रही बारिश ने भारी नुकसान किया। चमोली के देवल ब्लॉक के पद्मल्ला और फलदिया गांव में बादल फटने से तीन लोगों की मौत हो गई है। इस हादसे में कई मवेशियों के मारे जाने की खबर है।

हादसे से जुड़ी कुछ तस्वीरे सामने आई हैं जो देखने वालों के रोंगते खड़े कर देंगी। खबर के मुताबिक बादल फटने की घटना में करीब 10 घरों की दीवारें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। सूचना के बाद मौके पर जिला प्रशासन की टीम पहुंच गई है और राहत व बचाव कार्य शुरू हो गया है। भूस्खलन को देखते हुए लोगों ने अपने घर छोड़ दिए हैं और एक जगह पर एकत्र हो गए हैं।

बारिश के चलते केदारघाटी में भी भीषण तबाही मची हुई है केदार घाटी के अगस्त्यमुनि और विजयनगर में बारिश की वजह से लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। गुरुवार देर रात भारी बारिश के कारण अगस्त्यमुनि में जगह-जगह लोगों के घरों में बारिश का पानी घुस गया और कुछ गाड़ियां भी मलबे की चपेट में आई है।

बारिश और भूस्खलन के कारण केदारनाथ हाईवे भी जगह-जगह बंद हो गया है। हाईवे पर यात्री जगह-जगह फंसे हुये हैं और हाईवे खुलने का इंतजार कर रहे हैं। इधर, अलकनंदा और मंदाकिनी नदी खतरे के निशान को पार करके बह रही हैं। नदी किनारे रहने वाले लोगों से कल रात ही घरों को खाली करवा दिया है। फिलहाल नदी किनारे जाने पर रोक लगा दी गई है।

इसके अलावा केदारनाथ हाईवे से सटे सिल्ली गांव में पहाड़ी से भारी मलबा आने से चार आवासीय भवन ध्वस्त हो गये, जबकि कई गौशालाएं मलबे की चपेट में आने से मवेशियों को कोई अता-पता नहीं चल पा रहा है।अलकनंदा और मंदाकिनी नदी का जल स्तर बढ़ने से रात के समय ही नदी किनारे स्थित घरों को खाली करवा दिया गया और वहां रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया। अगस्त्यमुनि में लोगों के घरों और दुकानों में पानी घुस गया, जिस कारण भारी नुकसान हुआ है।

अगस्त्यमुनि और विजयनगर में जल भराव की स्थिति पैदा हो गई, जिससे दुपहिया वाहन भी खराब हो गये हैं, जबकि चैपहिया वाहन भी पानी में तैरते नजर आये। केदारनाथ हाईवे पर जगह-जगह पार्किंग किये गये दुपहिया और बड़े वाहन भी मलबे की चपेट में आ गये। लोग कल रात से अपने घरों से बाहर हैं। पानी और मलबे के तेज बहाव में लोगों ने अपनी जान भागकर तो बचा ली, मगर मवेशियों का कोई अता-पता नहीं है।

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