देहरादून: दिल्ली से देहरादून जा रही शताब्दी एक्सप्रेस में लगी आग की घटना ने सभी के रोंगते खड़े कर दिए थे। हादसे की खबर सामने आने के बाद उत्तराखंड का माहौल गमगीन हो गया था। हर कोई देहरादून में अपने परिचितों से मिलने का इंतजार कर रहा था और उन्हें देखते ही उनकी आंखों से आंसू गिर पड़े और उन्होंने ईश्वर का धन्यवाद किया। इस हादसे में जान का नुकसान नहीं हुआ।
ट्रेन में आग लगने की जानकारी सबसे पहले मध्यप्रदेश के तीरंदाजी टीम के कोच अशोक कुमार यादव को लगी और उन्होंने सभी यात्रियों सावधान रहने के लिए कहा… अशोक कुमार अपने एक अन्य सहयोगी कोच और चार महिला और चार पुरुष खिलाड़ियों के साथ दिल्ली से देहरादून जा रहे थे। उनकी टीम का रविवार को राजधानी में चल रही तीरंदाजी प्रतियोगिता में मैच है।
कोच अशोक कुमार ने बताया कि हरिद्वार के रवाना होने के बाद उन्हें करीब 20 मिनट वह बाथरूम गए। दरवाजा खोलने पर उन्होंने देखा कि वहां पर आग लगी हुई और धुआं आ रहा है। वह डर जरूर गए थे लेकिन उन्होंने समझदारी से काम लिया और यात्रियों को घटना के बारे में बताया। ट्रेन में सवार लोगों ने चिल्लाना शुरू कर दिया और फिर ट्रेन रोकने के लिए चैन को खींचा गया।
ट्रेन रुक गई और नीचे उतरने के लिए लोगों में भगदड़ मच गई। अशोक ने अपने साथी खिलाड़ियों के साथ लोगों को ट्रेन से बाहर निकाला। उन्होंने कहा कि इस हादसे में उनका और उनकी टीम की किट जल गई। उनके पास इतना वक्त नहीं था कि वह अपना सामान बचाते,उन्हें लोगों की जान ज्यादा कीमती लगी। उन्होंने कहा कि ट्रेन को रोकने जरूरी था नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था।
इस हादसे में खिलाड़ियों का सारा सामान और कुछ का पर्स भी जल गया। खिलाड़ियों की मदद के लिए मध्यप्रदेश सरकार आगे आई है और मदद कर रही है। वहीं स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के हरियाणा सेंटर से खिलाड़ियों के लिए धनुष व अन्य जरूरी सामान मंगाया गया है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय तीरंदाजी संघ के कोषाध्यक्ष राजेंद्र सिंह तोमर ने मामले को गंभीरता से लिया और खिलाड़ियों की परेशानी दूर करने के जरूरी कदम उठाए।