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एक साल पहले, पिता शादी के कार्ड बांट रहे थे,उसी वक्त आई बेटे की शहादत की खबर


देहरादून: ठीक एक साल पहले 14 फरवरी से 20 फरवरी ने पूरे भारतवर्ष को हिला को रख दिया है। पुलवामा हमले में भारत ने 40 जवानों को खोया। आतंकी भारत में घुसने की फिराक में थे और रोकने के लिए मिशन चालू था। 16 फरवरी को खबर आती है कि नौशेरा के बॉर्डर पर कई माइंस मिलीं, जो आतंकियों ने बिछाई थीं उन्हें डिफ्यूज करते हुए ब्लास्ट हुआ। इस हादसे में उत्तराखण्ड देहरादून के रहने वाले चित्रेश बिष्ट शहीद हो गए थे। चित्रेश के घर जैसे ही इस हादसे के बारे में पता चला मानों उनका संसार बिखर गया। उन्हें 28 फरवरी को घर आना था और 7 मार्च को उनकी शादी थी। इस खबर ने पूरे देश में शोक की लहर दौड़ा दी। चित्रेश के पिता एसएस बिष्ट बेटे की शादी के कार्ड बांटने में व्यस्त थे

पिता का था जन्मदिन

16 फरवरी को ही बम डिफ्यूज करते हुए देहरादून के नेहरु कॉलोनी चित्रेश बिष्ट शहीद हुए। उस दिन उनके पिता का जन्मदिन था। शहीद मेजर ने पापा के लिए ऑनलाइन केक भिजवाया था..बर्थडे विश भी किया था औऱ कहा था कि पापा में 28 फरवरी को घर आ रहा हूं। उत्तराखंड पुलिस में बतौर दारोगा पद से रिटार्यड चित्रेश बिष्ट के पिता बेटे की शादी का कार्ड बांटने में व्यस्थ थे कि बेटे की शहादत की खबर ने पूरी तरह से तोड़ दिया था। दोनों के बीच पिता और बेटे से ज्यादा एक दोस्त का रिश्ता था।

अधूरा रह गया मां से किया वादा

7 मार्च को शहीद मेजर की शादी मंगेतर अंकिता से थी। घर पर तैयारियां चल रही थी। मेजर ने मां से वादा किया था वो उनके लिए अपने पसंद की साड़ी लाएंगे। लेकिन बेटा भारत मां की सेवा में इस मां को दिया वादा पूरा नहीं कर पाया।

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