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गैरसैंण मंडल पर लिए गए फैसले को पलट सकती है तीरथ सरकार,मिलने लगे हैं संकेत


हल्द्वानी: विधानसभा सत्र के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गैरसैंण को नया मंडल घोषित किया था। नए मंडल में कुमाऊं मंडल से अल्मोड़ा, बागेश्वर और गढ़वाल मंडल से चमोली व रुद्रप्रयाग को शामिल करने को कहा था। अल्मोड़ा कुमाऊं के इतिहास का अभिन्न हिस्सा रहा है और उसे कुमाऊं मंडल से हटाने के फैसले ने विरोध पैदा किया था।

केवल जनता ही नहीं बल्कि राज्य के दिग्गज भी इस फैसले से खुश नहीं थे। कहा तो यह भी जा रहा है कि इसी असंतोष के चलते त्रिवेंद्र सिंह रावत को अपनी सीट गंवानी पड़ी। इस फैसले को उत्तराखंड की नई तीरथ सिंह रावत सरकार पलट सकती है। ये संकेट दिए हैं पूर्व कैबिनेट मंत्री, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और डीडीहाट के विधायक बिशन सिंह चुफाल ने…

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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार विधायक बिशन सिंह चुफाल ने कहा कि इस फैसले पर दोबारा विचार किया जा सकता है। वहीं सांसद अजय भट्ट और अजय टम्टा ने भी कहा कि अभी केवल घोषणा की गई है, अधिसूचना जारी नहीं हुई.. को इस मामले पर दोबारा से विचार किया जा सकता है। बता दें कि अगले साल चुनाव होने वाले हैं। कुमाऊं क्षेत्र के लोग इस फैसला विरोध कर रहे हैं।

वहीं कई लोगों का कहना है कि सरकार ने केवल चुनावी फायदे के लिए दोबारा गैरसैण का राग छेड़ा है। गैरसैण राज्य स्थापना के बाद भी अपनी पहचान के जूझ रहा है। मंडल बना लिया जाएगा लेकिन काम तो मैदानी इलाकों में होगा। इसके अलावा अल्मोड़ा से कुमाऊं की पहचान होती है। अल्मोड़ा केवल जिला नहीं है, उसके साथ लाखों की लोगों की भावनाएं जुड़ी हैं जो उन्हें लोकसंस्कृति से जोड़ता है। माहौल तो यही कह रहा है कि इस फैसले को तीरथ सिंह रावत की नई सरकार पलट सकती है।

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