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बेटी की पढ़ाई के सपने की सबसे बड़ी रुकावत को डीएम ने फेंका बाहर, पेश की मिसाल


अल्मोड़ा: परिश्रम सफलता के रास्ते पर चलता है लेकिन कई बार गरीबी उसका रास्ता रोकती है। कुछ लोग वहीं पर हथियार डाल देते है और कुछ उससे लड़ते हैं, इस सोच के साथ की कल परिश्रम रास्ता रोकने वाले पत्थर को दूर फेंक देगा। एक ही ऐसी कहानी सामने आ रही है अल्मोड़ा से। जहां बेटी ने पढ़ाई करने को लक्ष्य बनाया था। उसके सामने गरीबी ने रुकावत पैदा तो कि लेकिन आगें बढ़ नहीं पाई। इन सभी नकारात्मक चीजों को छोड़ते हुए इंटर में 82 प्रतिशत अंक हासिल किए। आगें पढ़ाई करने के लिए वो डीएम से मिली और उन्हें प्रभावित किया। बेटी के होनहर को पहचानते हुए उसके दाखिला कॉलेज में कराया। अंकिता की दोनों बहने भी उसकी राह पर हैं।

खबर के अनुसार आगें की पढ़ाई के विषय में अल्मोड़ा के भगतोला गांव निवासी आनंद आर्या की सबसे बड़ी पुत्री अंकिता आर्या (17) ने डीएम नितिन भदौरिया से मुलाकात की। अंकिता के अंक देकर डीएम भदौरियां प्रभावित हुए और उन्होंने उसकी उच्च शिक्षा का जिम्मा लेते हुए एसएसजे परिसर में उसे प्रवेश भी दिला दिया। यही नहीं उन्होंने मेधावी लड़की के रहने, खाने और फीस का वहन भी स्वयं करने का आश्वासन दिया है। अंकिता की मां बीमार रहती हैं। उसी दो बहने और एक छोटा भाई भी है। इस हालात में उसने घर भी संभाला और पढ़ाई के साथ समझौता नही किया। अंकिता के पिता मजदूरी कर परिवार का गुजारा करते हैं।

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घर में बड़ी होने के कारण सारी जिम्मेदारी अंकिता पर थी। घर का काम करने के अलावा अंकिता अपनी दोनों बहनों और भाई को पढ़ाती भी है। अंकिता आगें की पढ़ाई के बारे में सोच रही थी। इसका हल खोजने के लिए वो अपने पिता के साथ डीएम से मिलने पहुंची। डीएम और अंकिता के बीच बात हुई। डीएम नितिन भदौरिया ने अंकिता से सवाल किए। और उसके उत्तर से काफी प्रभावित हुए। उन्होंने अंकिता को पढ़ाने की बात कही और और यहां से अंकिता को वो मिल गया जो उसकी चाहत थी। उसने डीएम नितिन भदौरिया का धन्यवाद किया और उनकी अपेक्षाओं में खरा उतरने का वादा किया।


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