हल्द्वानी: डाॅ. सुशीला तिवारी हॉस्पिटल में लापरवाही का मामला सामने आया है। हॉस्पिटल में प्रसव पीड़ा से तड़पती महिला का ऑपरेश होना था, मगर चार घंटे बेहोशी के बाद भी चिकित्सक नहीं आए। इस मामले को जिला प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। डीएम सविन बंसल ने घटना की जांच कमेटी गठित कर दी है। इसमें कुमाऊॅ मण्डल विकास निगम के एमडी व नोडल अधिकारी डाॅ.सुशीला तिवारी मेडिकल काॅलेज रोहित मीणा की अध्यक्षता में जांच समिति बनाई है।
समिति में उपजिलाधिकारी कोश्याकुटौली ऋचा सिंह, वरिष्ठ चिकित्साधिकारी/आईडीएसपी नोडल डाॅ. बलवीर सिंह सदस्य होगें। डीएम सविन बंसल ने कहा कि सुशीला तिवारी हॉस्पिटल में हुई इस घटना में बरती गई लापरवाही और संवेदनहीता की जांच होगी और यदि कोई दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ सख़्त करवाई की जाएगी।
आपकों बता दे प्रसव पीड़ा झेल रही शीशमहल निवासी एक महिला एसटीएच पहुंची। दो बार ड्रेस पहन लेबर रूम में पहुंच गई। बताया जा रहा है कि गाइनी के डॉक्टर आ गए थे, लेकिन एनस्थीसिया के डॉक्टर नहीं पहुंचे। इसे लेकर काफी देर तक हो-हल्ला मचा रहा। यहां तक कि इस मरीज के लिए मेयर डॉ. जोगेंद्र रौतेला ने भी फोन किया और प्राचार्य डॉ. सीपी भैंसोड़ा व एमएस डॉ. अरुण जोशी भी मौके पर पहुंच गए। इसके बावजूद महिला की डिलीवरी नहीं कराई गई। चार घंटे परेशान रहने के बाद परिजन निराश होकर गर्भवती को महिला अस्पताल ले गए। वहां पर डिलीवरी हुई। डिलीवरी में देरी होने पर बच्ची को एनआइसीयू में रखा गया। इस मामले में एसटीएच प्रशासन स्पष्ट जवाब नहीं दे पा रहा है।