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उत्तराखंड के दलबीर चौहान खेती से कर रहे लाखों की कमाई, कमाल का है मॉडल


कहा जाता है की संकट में भी अवसर होता है और कुछ लोग संकट को भी सफलता में तबदील कर देते है। उत्तरकाशी के दलवीर सिंह चौहान भी ऐसे ही व्यक्ति जिन्होनें सभी संकट को पार करते हुए सफलता की नई कहानी लिखी है। लॉकडाउन के मुश्किल वक्त में जब लोग हाथ पर हाथ धरे बैठे थे। उस मुश्किल वक्त में भी दलवीर ने आत्मनिर्भर बनने की राह खोज निकाली। अपने सूझ-बूझ से दलवीर सिंह चौहान ने लॉकडाउन में करीब 1.5 लाख की कमाई की है। उन्होनें यह कमाई सब्जियां बेचकर की है।

उनके इस कारनामे से वह कई लोगों के प्रेरणा स्त्रोत बने है और कई युवा उनकी देखा देखी अब खेती के लिए आगे आ रहे हैं। दलवीर युवाओं को खेती-किसानी के गुर सिखा रहे हैं, ताकि वो आत्मनिर्भर बन सकें। गांव के युवा दलवीर सिंह से आधुनिक ढंग से सब्जी उत्पादन के गुर सीख रहे हैं। उत्तरकाशी जिले में एक गांव है कंकराड़ी। दलवीर सिंह चौहान इसी गांव में रहते हैं।

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बता दें कि राज्य के उत्तरकाशी जिले के रहने वाले दलवीर सिंह चौहान की गिनती भले ही अब क्षेत्र के प्रगतिशील किसानों में होती हो परन्तु शुरूआत में वह भी उन्हीं परिस्थितियों से जूझ रहे थे। जिन परिस्थितियों से आज लाखों बेरोजगार लोग गुजर रहे हैं। लेकिन दलवीर ने इन कठिन परिस्थितियों में भी हतोत्साहित नहीं होते हुए कड़ी मेहनत की और अपना मुकाम पाया। इसी कारण वर्तमान में वह क्षेत्र के लोगों के लिए मिशाल बने हुए हैं।

परिवार में सबसे बड़े होने के कारण उन्होंने गढ़वाल विश्वविद्यालय से बीए, एम‌ए और बीएड करने बाद ही क्षेत्र के एक स्कूल में अध्यापन का कार्य शुरू कर दिया। बेशक वह क्षेत्र के मुस्टिकसौड़ में स्थित एक प्राइवेट स्कूल में बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया हो पर वहां से मिलने वाला नाममात्र का वेतन परिवार चलाने के लिए नाकाफी था। ऐसे में उन्होंने इस कार्य के साथ ही खेती करने का भी निश्चय किया। खेती करने के लिए सबसे जरूरी होती है सिंचाई और दलवीर के खेतों में पानी का ही अभाव था ऐसे में उन्होंने खेतों में पानी के पहुंचाने के साथ-साथ टपक सिंचाई विधि और माइक्रो स्प्रिंकलर सिंचाई तकनीक सिखकर 2011 में नौकरी छोड़कर पूरी तरह खेती में जुट ग‌ए, इसी का परिणाम है कि आज वह आधुनिक खेती से ही लाखों की कमाई कर रहे हैं। बेमौसमी सब्जियों के उत्पादन के लिए उन्होंने पाली हाउस भी बनाया है।

वो अपने खेतों में ब्रोकली, टमाटर, शिमला मिर्च, आलू, कद्दू, पत्ता गोभी, बैंगन, फूल गोभी और पहाड़ी कद्दू जैसी सब्जियां उगा रहे हैं। बेमौसमी सब्जी के उत्पादन के लिए उन्होंने पॉली हाउस बनाया है। अपनी मेहनत और पहाड़ में रहकर ही कुछ कर दिखाने की ललक ने दलवीर को सफलता का रास्ता दिखाया।

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