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केदारनाथ आपदा के दौरान लापता हुए लोगों में से चार लोगों के कंकाल मिले


देहरादून: केदारनाथ आपदा को बीते 7 साल हो गए हैं। आपदा में 4435 लोग मारे गए थे जबकि 3886 लोगों का पता नहीं लगा। आपदा के इतने साल बीत जाने के बाद केदारघाटी में लोगों के कंकाल मिलने का सिलसिला जारी है। एक बार फिर 4 लोगों के कंकाल मिले हैं।  शनिवार को एसडीआरएफ के सब इंस्पेक्टर कर्ण सिंह रावत के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम द्वारा सोनप्रयाग-त्रियुगीनारायण-केदारनाथ ट्रैकिंग रूट पर टीम को केदारनाथ से लगभग 19 किमी पहले और गुमखड़ा से दो किमी नीचे गौरी माई खर्क के समीप गुफा व घास के मैदान के समीप चार नर कंकाल मिले।

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पांच दिन चले सर्च अभियान के आखिरी दिन सोनप्रयाग-त्रियुगीनारायण-केदारनाथ ट्रैक पर गुफा और घास में मिले इन अस्थि अवशेषों से डीएनए जांच के लिए सैंपल लिए गए और फिर रविवार को सोनप्रयाग संगम पर विधि-विधान के साथ इनकी अंत्येष्टि की गई। आपकों बता दें कि सात वर्षों में में अभी तक 703 कंकाल मिल चुके हैं, जिनमें 180 से अधिक की ही पहचान हो पाई। पिछले साल यानी 2019 में कोई कंकाल नहीं मिला।

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वहीं साल 2013 में 545, 2014 में 63, 2015 में 3, 2016 में 60, 2017 में 7 और 2018 में 21 नर कंकाल मिले। इस साल लापता लोगों के अस्थि अवशेषों की तलाश के लिए 16 सितंबर को एसपी के नेतृत्व में सोनप्रयाग से 10 टीमों के साथ चार दिवसीय विशेष अभियान पर थी।

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कंकालों को सोनप्रयाग लाया गया। स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा डीएनए सैंपल लिया गया। इसके बाद रविवार सुबह सोन व मंदाकिनी नदी के संगम पर विधि-विधान से अस्थि-अवशेष की अंत्येष्टि की गई। पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया कि बरामद नर कंकाल के बारे में मुख्यालय को सूचना दे दी गई है।

डीएनए रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। टीम में एसडीआरएफ के एसआई कर्ण सिंह रावत के नेतृत्व में हेड कांस्टेबल भगत सिंह , कांस्टेबल मनोज जोशी , कांस्टेबल पंकज राणा , फायरमैन योगेश रावत शामिल रहे। 

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