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देवभूमि के स्कूल के मुरीद हुए गुलजार साहब, बोले क्या मुझे प्रवेश मिलेगा !


देहरादून: राजधानी में स्थित वेल्हम ब्वॉयज स्कूल के स्थापना दिवस के दूसरे दिन प्रसिद्ध साहित्यकार और गीतकार गुलजार पहुंचे। स्कूल के बच्चों का उत्साह देखकर उन्हें अपना बचपन याद आ गया । उन्होंने तुरंत कहा कि वह इस स्कूल का हिस्सा बनना चाहते हैं। उन्होंने वेल्हम स्कूल में न पढ़ पाने का मलाल जताते हुए, स्कूल की प्रधानाचार्य से आग्रह करते हुए उन्होंने कहा कि ‘दाखिला दे दो मुझे भी स्कूल में, मैं भी इन बच्चों की तरह जिंदगी जीना चाहता हूं।’ इसके लिए उन्होंने स्कूल के चेयरमैन और प्रधानाचार्य से भी अनुमति मांगी। जिस पर दोनों ने हाथ जोड़ कर उनका स्वागत किया।

इस दौरान उन्होंने स्कूली बच्चों और उनके अभिभावकों के साथ अनुभव को साझा किया।  शनिवार को वेल्हम स्कूल में समारोह के दूसरे दिन गुलजार बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे। गुलजार ने अपनी गजलें व कविताएं सुनाकर छात्र- छात्राओं को मन मुग्ध कर दिया।

उन्होंने ‘लब पे आती है दुआ बन कर तमन्ना मेरी, जिंदगी शम्मा की सूरत हो खुदाया मेरी..’, ‘सितारे लटके हुए हैं तागों से आसमां पर’, चलो ना भटके समेत अन्य कई नज्म, कविताएं और गजलें पढ़ छात्रों का मनोरंजन किया। कार्यक्रम में छात्रों ने एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। सुबह के सत्र में पेंटिंग प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। समारोह में स्कूल की प्रधानाचार्य डॉ. गुनमीत बिंद्रा समेत अन्य अधिकारियों ने भी छात्रों को संबोधित किया। कार्यक्रम में स्कूल के शिक्षक, छात्रों समेत 1994 बैच के पूर्व छात्र और सैकड़ों अभिभावक मौजूद रहे।

स्कूल के चेयरमैन दर्शन सिंह ने छात्रों को स्थापना दिवस की विद्यार्थियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में आप लोग ही देश का नेतृत्व करने वाले हो। उन्होंने कहा कि आप लोगों के परिश्रम से स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण और फिट इंडिया के लिए स्कूल में शानदार काम किया जा रहा है।  इस मौके पर गुलजार साहब ने कहा कि बच्चों की सफलता श्रेय शिक्षकों को जाता है। तो डांट स्कूल में पड़ती है वो आगें सफलता के दरवाजे खोलती है।

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