देहरादूनः उत्तराखंड में लगातार हो रही बरसात और बर्फबारी से अब कई लोगों का जीवन अस्त वस्त सा हो गया है। उत्तराखंड में मौसम का मिजाज अब नरम पड़ने का नाम नहीं ले रहा है। मौसम विभाग के अनुसार पांच फरवरी से प्रदेश में एक बार फिर बारिश और बर्फबारी के आसार बन रहे हैं। छह और सात फरवरी को गढ़वाल और कुमाऊं के पर्वतीय इलाकों में 2000 मीटर की ऊंचाई तक भारी बर्फबारी और बारिश हो सकती है। विभाग ने रेड अलर्ट जारी करते हुए सलाह दी है कि इस दौरान लोग ऊंचाई वाले इलाकों में ना जाये, तो वहीं देहरादून में शनिवार को मौमस साफ रहा और धूप खिली रही । राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टर्बेस) सक्रिय होने के कारण फिलहाल मौसम में ठंडापन बरकरार रहेगा। उन्होंने बताया कि पांच फरवरी को ज्यादातर इलाकों में बारिश और हल्की बर्फबारी की संभावना है, लेकिन छह और सात फरवरी को मौसम का मिजाज बिगड़ेगा। इस दौरान उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में भारी बर्फबारी और बारिश होने की संभावना है। इस बीच शुक्रवार सुबह एक बार फिर बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री समेत चमोली जिले के औली, गोरसो बुग्याल, उत्तरकाशी में गंगा और यमुना घाटी में रुक-रुक कर हिमपात होता रहा। जिसके बाद पिथौरागढ़ के मुनस्यारी में मौसम खराब होने से शनिवार को सभी स्कूल , कॉलेज में छुट्टी कर दी गई थी ।भारी बर्फबारी से केदारनाथ में करीब दो सप्ताह से बिजली आपूर्ति भी बंद कर दी गई है। उत्तरकाशी में गंगोत्री और यमुनोत्री के पास हाईवे बंद है। बर्फ की चादर से ढके गांवों में संपर्क मार्गो पर भी बर्फ की मोटी चादर जमी है। इससे ग्रामीणों के लिए आवाजाही मुश्किल हो गई है। प्रदेश में 18 सड़कों पर आवागमन बाधित है और 58 गांव अलग-थलग पड़े हुए हैं। वहीं, 76 गांवों में बिजली आपूर्ति बहाल नहीं हो पाई है। पहाड़ों में बूंदाबांदी के बीच मैदानों में दिनभर बादल मंडराते रहे ।