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स्टिंग मामला: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को राहत, सुनवाई एक अक्टूबर तक टली


हाईकोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के स्टिंग और विधायको के खरीद फरोख्त के मामले में सुनवाई 1 अक्टूबर तक टल गई है। इस मामले में हरीश रावत के वकील ने सुनवाई के लिए वक्त मांगा था। वहीं केंद्र की तरफ से अधिवक्ता द्वारा 26 सिंतबर को सुनवाई करने की मांग की थी। शुक्रवार को सुनवाई टलने के बाद सी.बी.आई.की प्राथमिक जांच रिपोर्ट को 1 अक्टूबर को न्यायालय में किया जाएगा पेश।

इस मामले में सुनवाई आज न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की एकलपीठ के समक्ष होनी थी। इससे पहले सुनवाई में सीबीआई ने कोर्ट में रिपोर्ट पेश कर रहा था कि हरीश रावत के  खिलाफ  एफआईआर दर्ज करने जा रहे हैं। वहीं कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिए थे कि हरीश रावत के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने से पहले से कोर्ट को जानकारी दें। इसी निर्देश का पालन करते हुए सीबीआई की ओर से कोर्ट को अवगत कराया गया था। मामले में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने याचिका दायर की है और कहा है कि साल 2016 में कांग्रेस की सरकार गिरने पर उनके स्टिंग और विधायकों की खरीद फरोख्त मामले में प्रारंभिक जांच पर रोक दी जाए।

बता दें कि 21 अगस्त को हाईकोर्ट में सीबीआई के वकील ने कहा था कि सीबीआई हरीश रावत के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की तैयारी कर रही है। उत्तराखंड की राजनीति में हरीश रावत का कद काफी बड़ा है। कांग्रेस पार्टी की उन्होंने वर्षों से सेवा की है। उत्तराखण्ड कांग्रेस टीम भी उनके साथ खड़े होने का दावा कर रही है। इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिं प्रेस वार्ता कर यह कह चुके हैं कि अन्याय बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। शुक्रवार का दिन हरीश रावत और कांग्रेस, प्रदेश के सियासी तापमान के लिए भी महत्वपूर्ण था लेकिन अब यह सुनवाई 1 अक्टूबर तक टल गई है। विधायकों के खरीद फरोद का मामला मार्च-अप्रैल 2016 में सामने आया था। इस मामले ने राज्य की राजनीति में भोचाल आ गया था। इसके चलते राज्य में राष्ट्रपति शासन भी लग गया था।

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