देहरादूनः उत्तराखंड के चुनाव में अब एक हफ्ते का भी समय नहीं बचा होने से सियासत तेज होती दिख रही है। यही कारण है कि कई नेता अपने-अपने प्रत्याशी को जीताने में पूरा जोर लगाये हुए हैं। इस राजनैतिक समीकरण में कांग्रेस सबसे आगे दिख रही है। इस लिए नहीं कि कांग्रेस मजबूत दावेदार है बल्कि इस लिए क्योकि कांग्रेस की जीत की दुआ भाजपा के कुछ नेता भी कर रहे है। जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड में जीत के बाद कांग्रेस के कई पद खाली देखे जा राहे है।उत्तराखंड में कांग्रेस की जीत के बाद कई पद खाली जो सकते है जिसमें राज्यसभा सांसद का पद सबसे अहम माना जा रहा है। प्रदीप टम्टा के अल्मोड़ा लोकसभा चुनाव जीतने से भाजपा के पास राज्यसभा सांसद की दावेदारी करने का मौका होगा। इस पद के लिए अभी अच्छा-खासा समय बाकी है। तो उत्तराखंड की एक सीट और कांग्रेस के खाते में है जो की राजबब्बर की राज्यसभा सीट है। लोकसभा में राज बब्बर फतेहपुर सीकरी से दावेदार है तो भाजपा के कुछ नेता चाहेंगे कि राज बब्बर लोकसभा में जाकर उत्तराखंड की राज्यसभा की सीट छोड़े। तो वही प्रीतम सिंह की टिहरी में जीत से उनकी विधानसभा की चकराता सीट खाली होने से भाजपा के किसी नेता को इस सीट से उपचुनाव लड़ने का मौका मिल सकता है। अजय भट्ट के चुनाव जीतने से प्रदेश अध्यक्ष का पद खाली होता दिख रहा है। तो जाहिर है कि नैनीताल में अजय भट्ट को जिताने में सबसे ज्यादा मेहनत देखी जा रही है पर हारने से भी भट्ट को जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद को छोड़ना पड़ेगा और वैसे भी अजय भट्ट के पद का समय समाप्त हो रहा है। प्रीतम सिंह के लोकसभा में जाने पर कांग्रेस भी प्रदेश अध्यक्ष की कमान किसी और को दे सकती है।वहीं अगर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह बाजी मारते हैं तो कांग्रेस भी अपने लोकसभा सांसद पर काम का बोझ कुछ कम जरूर करेगी। राजनीति में सही मौका लपक लेना और फिर हालातों को अपने अनुकूल कर लेने से ही जीत सुनिश्चित की जा सकती है। 23 मई के दिन अगर कांग्रेस जीत दर्ज करती है तो कई भाजपाई दिग्गजों के लिए मौका लपकने वाला होगा।