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डॉक्टरों की कमी दूर करने के लिए होंगे इंटरव्यू, प्राइवेट प्रैक्टिस वाले नपेंगे


हल्द्वानी: मेडिकल कॉलेज में लंबे समय से फैकल्टी (डॉक्टरों) की कमी बनी हुई है। इस परेशानी का हल अब इंटरव्यू के जरिए निकाले जाने वाला है। मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए भर्ती नए सिरे से होगी। आने वाली 12 मार्च को देहरादून में मेडिकल कॉलेज के विभिन्न विभागों के लिए प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसरों के 46 पदों के लिए इंटरव्यू होंगे। हाल ही में कई डॉक्टरों ने इस्तीफे की पेशकश के बाद ये कदम उठाया जा रहा है।

बता दें कि लंबे वक्त से फैकल्टी की कमी के चलते एमबीबीएस कोर्स और कुछ विभागों की पीजी सीटों पर भी संकट मंडरा रहा है। ऐसे में चिकित्सा-शिक्षा विभाग मेडिकल कॉलेज में रिक्त पदों को भर रहा है। इन डॉक्टरों के आने से स्वास्थ्य सेवाओं में भी और सुधार आने की संभावना है। मेडिकल कॉलेज प्राचार्य प्रो. सीपी भैसोड़ा का कहना है कि देहरादून में डॉक्टरों की भर्ती के लिए इंटरव्यू रखा गया है।

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इन पदों पर भर्ती की योजना


टीबी चेस्ट, न्यूरो सर्जरी, नेफ्रोलॉजी, कार्डियोलॉजी, यूरोलॉजी, प्लास्टिक सर्जरी के लिए एक-एक प्रोफेसर पद पर भर्ती करने की योजना है। फोरेंसिक, त्वचा रोग, रेडियोलॉजी, कम्यूनिटी मेडिसिन, मानसिक रोग विभाग, नेफ्रोलॉजी, कार्डियोलॉजी और यूरोलॉजी के लिए एक-एक एसोसिएट प्रोफेसर पद के लिए इंटरव्यू रखे गए हैं। विभिन्न विभागों में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद भी रिक्त हैं। ऐसे में एनस्थीसिया विभाग (चार), कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग (एक), मेडिसिन विभाग (छह), सर्जरी (तीन), आथार्पेेडिक (दो), बाल रोग विभाग (एक), फिजियोलॉजी (एक) और त्वचा रोग विभाग में (एक) पद पर असिस्टेंट प्रोफेसर पद भर्ती की जानी है।

प्राइवेट प्रैक्टिस की तो होगी कार्रवाई

वहीं डॉक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस को लेकर सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने बैठक की, जिसके बाद प्रचार्य की ओर से साफ कर दिया गया है कि अगर कोई प्राइवेट प्रैक्टिस करता पकड़ा गया को सख्त कार्रवाई होगी। प्राइवेट प्रैक्टिस को लेकर जिला प्रशासन भी सख्त है। बता दें कि सरकारी डॉक्टर्स नॉन प्रैक्टिस एलाउंस लेने के बाद भी निजी प्रैक्टिस करते हैं। इससे जुड़ा एक मामला सामने आ चुका है जिसकी जांच चल रही है।

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