बनबसा: कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई हम जीतेंगे, ये हम इसलिए बोल रहे हैं क्योंकि हमारे कोरोना वॉरियर्स केवल काम नहीं कर रहे है बल्किन अपना नाम धरती के दूसरे जीवन की किताब पर अमर शब्दों में लिख रहे हैं। डॉक्टर्स मरीजों को देख रहे हैं, सफाई कर्मचारी खुद को खतरे में डालकर काम कर रहे हैं और पुलिसकर्मी 24 घंटे ड्यूटी पर तैनात हैं। सुरक्षा को देखते हुए कई पुलिसकर्मी तो घर ही नहीं गए हैं। अपना खाने की उन्हें परवाह नहीं लेकिन जरूरमदों के लिए वह लगातार काम कर रहे हैं।
आज हमारे पास एक महिला कान्स्टेबल कमला चौहान की कहानी हैं। जो चंपावत जिले के बनबसा में तैनात हैं। उनकी भजन पुर इंटर कॉलेज के राहत शिविर में ड्यूटी लगी हुई है। लॉकडाउन घोषित होने के बाद सैकड़ो लोग फंस गए हैं और उन्हें इस तरह के शिविर में ही जगह दी गई है। वहां केवल रहने और खाने का इंतजाम नहीं बल्कि शिक्षा पर भी ध्यान दिया जा रहा है। बच्चों का समय कुछ सिखने में बीते इसके लिए कमला टीचर बन गई हैं।
राहत शिविर में ड्यूटी करते हुए कमला चौहान ने 19 बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेदारी खुद उठाई है। अपने ही पैसों से उन्होंने उनके लिए कॉपी पेंसिल किताबें वह पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराई है। जिसने भी कमला के बारे में सुना वह उन्हें सलाम कर रहा है। उनकी कुछ फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई है। कमला चौहान का हल्द्वानी काठगोदाम में घर है। अपनी ड्यूटी के साथ-साथ सामाजिक दायित्व को निभा रही कमला चौहान उन सभी को प्रेरित कर रही है जो समाज के लिए हर वक्त कुछ करने की चेष्ठा रखते हो।