उत्तराखंड के एक और जवान ने देश के लिए अपने प्राण निछावर कर दिए। बागेश्वर जनपद के दफौट नयाल गांव के प्रदीप दफौटी पुत्र मोहन सिंह दफौटी भारत तिब्बत पुलिस फोर्स में राजस्थान के बाड़मेर में तैनात थे। पांच सितंबर को ड्यूटी के दौरान आतंवादियों ने गोलीबारी जिसमें प्रदीप घायल हो गए थे। उनका इलाज चल रहा था लेकिन उन्हें नहीं बचाया जा सका। मंगलवार को वीर प्रदीप का पार्थिव शहीर अंतिम दर्शन के लिए उनके गांव लाया गया। इस दौरान पूरे गांव का माहौल गमगीन रहा। अपने वीर जवान को सलामी देते हुए हर किसी की आंखों पर आंसू थे।
अंतिम दर्शनों के बाद सरयू-गोमती संगम पर सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। वहीं प्रदीप अपने पीछे दो बेटियों और एक बेटे को रोता-बिलखता छोड़ गए हैं। शव लेकर आए बीएसएफ के जवान एसआइ अनूप सिंह, एएसआइ मोहन सिंह ने बताया कि आतंकियों की गोली से जवान शहीद हुए। उपजिलाधिकारी राकेश चंद्र तिवारी ने बताया कि पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई।उनकी चिता को उनके भाई रमेश सिंह व निर्मल सिंह ने मुखाग्नि दी। शहीद के पिता मोहन सिंह दफौटी भी बीएसएफ से सेवानिवृत्त हुए हैं।