हल्द्वानी: देहरादून स्टेशन और यार्ड के विस्तारीकरण कार्य के चलते राजधानी पहुंचने और यहां से जाने वाले यात्रियों को करीब तीन महीने परेशानी का सामना करना पड़ेगा। राजधानी से चलने वाली ट्रेनों को लेकर नया अपडेट सामने आया है जिसमें कुछ ट्रेनों को रद्द किया गया और कुछ को रीशेड्यूल किया गया है। उत्तर रेलवे द्वारा सोमवार को इसकी अनुमति दे दी है। देर शाम देहरादून रेलवे स्टेशन के अधिकारियों को भी इससे संबंधित आदेश मिल गए थे।
दून स्टेशन के एडिशनल स्टेशन सुप्रीटेंडेंट सीताराम सोनकर ने आदेश मिलने की पुष्टि की है। नए अपडेट के बारे में उन्होंने बताया कि नई दिल्ली से आने वाली शताब्दी एक्सप्रेस 10 नवंबर से 24 दिसंबर 2019 तक 45 दिन हर्रावाला तक आएगी। इसके हर्रावाला पहुंचने का समय 12:33 रहेगा। जबकि यह ट्रेन हर्रावाला से ही शाम पांच बजकर 11 मिनट पर दिल्ली के लिए रवाना होगी। 25 दिसंबर 2019 से सात फरवरी 2020 तक यह ट्रेन हरिद्वार तक आएगी। दिल्ली से इसका हरिद्वार पहुंचने का समय पूर्वाह्न 11:30 रहेगा। जबकि हरिद्वार से यह ट्रेन शाम 18:10 पर रवाना होगी।
इसके अलावा कोटा से आने वाली नंदा देवी एक्सप्रेस 10 नवंबर से 24 दिसंबर 2019 तक 45 दिन हर्रावाला तक आएगी। वहीं, 25 दिसंबर 2019 से सात फरवरी 2020 तक इस ट्रेन का आखिरी स्टॉप हरिद्वार होगा। नंदा देवी एक्सप्रेस हर्रावाला सुबह पांच बजकर मिनट पर पहुंचेगी और रात को 23 बजकर चार मिनट पर वापस रवाना होगी। जबकि हरिद्वार आने का समय सुबह 3.53 मिनट रहेगा और वहां से वापस जाने का समय रात 12 बजकर 17 मिनट होगा।
कुछ दिन पहले जारी हुए नए शेड्यूल के मुताबिक, जनशताब्दी एक्सप्रेस को पहले 10 नवंबर तक देहरादून आना था। अब यह ट्रेन 10 नवंबर को हरिद्वार तक आएगी और उसके बाद पूरी तरह सात फरवरी तक रद्द रहेगी। गंगा एक्सप्रेस जो मुज्जफरपुर से चलती है, उसका पहले छह फरवरी 2020 तक नजीबाबाद से संचाजिल होना था। अब यह तीन फरवरी तक ही नजीबाबाद से संचालित होगी। इसी तरह, देहरादून-सहारनपुर पैंसेजर ट्रेन डीएलएस 10 नवंबर को देहरादून से जाएगी, लेकिन वापसी में सिर्फ लक्सर तक जाएगी । उसके बाद 11 नवंबर से वहां से ही चलेगी।
देहरादून रेलवे स्टेशन में चल रहे काम के चलते ये बदलाव किए जा रहे हैं। इन तीन महीनों में राजधानी से सटे पहाड़ी क्षेत्र पहुंचने वाले पर्यटकों को परेशानी का सामना करना पडेगा। इसके अलावा देहरादून पढ़ने वाले छात्रों को भी परेशानी होगी। कहा जा रहा है कि इससे व्यापारियों को भी काफी नुकसान होगा तो पर्यटन निर्भर हैं।