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पहाड़ के लोग बनेंगे स्मार्ट, paharihaat.in से करेंगे शॉपिंग, शेयर करें


हल्द्वानी:उत्तराखण्ड स्टार्टअप हब बनने की ओर आगे बढ़ रहा है। पहाड़ के लोगों को सर्विसेज देने के लिए राज्य में तमाम स्टार्टअप तेजी से आगें बढ़ रहे हैं। इसी लिस्ट में शामिल है paharihaat.in जहां पर देवभूमि के लोग आसानी से शॉपिंग कर पाएंगे। इस स्टार्टअप की खास बात है कि इसमें बिकने वाले सभी वस्तु पहाड़ की महिलाओं द्वारा बनाए गए हैं, यानी ये स्टार्टअप देवभूमि की महिलाओं को पहचान स्थापित करने का मौका भी दे रहा है। paharihaat.in वेबसाइट कर्तव्या कर्मा एजीओ गैठिया नैनीताल के अंतर्गत आती है।

पिछले कुछ वक्त से लोगों की रूचि ऑनलाइन शॉपिंग में काफी बढ़ी है। इसके देखते हुए संस्थापक गौरव अग्रवाल ने paharihaat.in के जरिए पहाड़ के समान को पहाड़ के लोगों तक पहुंचाने का फैसला किया। गौरव अग्रवाल कहते हैं कि फिलहाल वेबसाइट में हेड मेड ज्वेलरी ग्राहकों की पहली पसंद बन रही है। इसके लिए विदेशों से भी लोगों ने हमसे संपर्क किया है। मुझे खुशी इस बात की होती है कि पहाड़ों में संसाधनों की कमी होती लेकिन महिलाओं के हुनर ने paharihaat.in को विदेशों तक पहुंचा दिया। हमारी कोशिश है कि इस मुहिम से अधिक से अधिक महिलाओं को जोड़ा जाए, ताकि पहाड़ों में रोजगार के अवसर पैदा हों। हमेशा से यूनिक काम करने की ललक ने गेठियां गाँव को हेंडी क्राफ्ट विलेज ऑफ उत्तराखण्ड की उपाधि दिलाई है। जो नैनीताल जिले के लिए भी किसी उपलब्धी से कम नहीं है।

happy customer from haldwani

संस्था के संस्थापक गौरव अग्रवाल का कहना है का कहना है कि जैसे तल्ला गेठियां गाँव को अब लोग अब हस्तशिल्प गाँव के नाम से जानते हैं ऐसे ही अब भीमताल के पास के गाँव chanfi को लोग food Village of Uttarakhand के नाम से जल्द ही जाएंगे.. क्यूंकि हमने अपना खाद्य पदार्थों का सेंटर वही बनाया है।

इसके अलावा वेबसाइट में ऐपण से बनी वस्तु भी मिल जाएगी। ऐपण हमारे पहाड़ों की पहचान है और इसके अलग-अलग डिजाइन की वस्तुओं ग्राहकों को आसानी से मिल जाएंगी। इसके अलावा ग्राहकों के बाद खुद के पसंद की ज्वेलरी बनावाने का विकल्प भी हम लोगों ने दिया है। जल्द हम वेबसाइट में खाद्य साम्रगी की बिक्री भी शुरू होंगे। फिलहाल खाद्य साम्रगी हमारे सेंटर गेठियां व गौरा कॉम्प्लेक्स हल्द्वानी में ग्राहकों के लिए उपलब्ध है।

उन्होंने कहा कि देखा जाए तो पहाड़ के गाँव में रोजगार के मौके तो उत्पन्न हो रहे हैं लेकिन कई बार प्रयास आधे रास्ते में दम तोड़ते नजर आते हैं। Kartavya Karma संगठन की खास बात ये है कि पिछले 6 सालों से ये संस्था लगातार गाँव की महिलाओ को ना सिर्फ रोजगार दे रही है बल्कि उनके बनाए हुए प्रोडक्ट को मार्केट में भी उतार रही है। इस लिस्ट में कपड़े से बनी ज्वेलरी, ऐपण art की stationary के अलावा खाद्य पदार्थो जैसे दाल, राजमा, हरबल चाय, अचार, जेम, जैली जैसे वस्तु भी मार्केट में धीरे धीर अपनी जगह बनाते जा रहे हैं।

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