Uttarakhand News

श्मशान घाट में जमीन को लेकर विवाद, 6 घंटे तक नहीं हो पाया अंतिम संस्कार


हल्द्वानी: देश का युवा आगें बढ़ने की बात करता है, जहां भेदभाव का नाम हीं नहीं हो। लेकिन रोजाना कुछ ऐसी खबरे सामने आती हैं जिसका लिंक भेदभाव से होता है। ये घटनाएं बदलते भारत व बदलने की चाहत रखने वाले भारत के लिए किसी रुकावत से कम नही है। ताजा मामला उत्तराखण्ड के लक्सर क्षेत्र के महेश्वरी गांव से हैं। जहां पंचायत की जमीन में एक अनुसूचित जाति के बुजुर्ग के शव का दाह संस्कार करने को लेकर दो पक्षों के बीच हंगामा हो गया। इसके चलते 6 घंटे तक अंतिम संस्कार ही नहीं हुआ। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस व तहसील प्रशासन ने ग्रामीणों को शांत कर शव का अंतिम संस्कार करवाया। 

खबर के अनुसार लक्सर विकासखंड के दाबकी ग्राम पंचायत का उपगांव महेश्वरी है। बुधवार को महेश्वरी गांव के 80 वर्षीय पलटूराम का बीमारी के चलते निधन हो गया। इसके बाद परिजन व ग्रामीण शव का दाह संस्कार करने के लिए महेश्वर रोड स्थित पंचायत की जमीन पर पहुंच गए, लेकिन इस बीच गांव के कुछ ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर उन्हें दाह संस्कार करने से रोक दिया। 

दाबकी गांव के कुछ लोगों का कहने था कि जिस स्थान पर अंतिम संस्कार कर रहे थे वहां पर पौधरोपण के लिए जमीन छोड़ी गई है। शमशान घाट के लिए जमीन  ढाब क्षेत्र में महेश्वरी गांव के जंगल में छोड़ी गई है, लेकिन महेश्वरी के ग्रामीणों का कहना था कि वे उसी जगह पर अंतिम संस्कार करेंगे। इसके बाद दोनों पक्ष में विवाद हो गया।

इस बीच भीम आर्मी के कार्यकर्ता भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि मृत व्यक्ति का दाह संस्कार रोकना गलत है। शमशान घाट की जमीन मौजूद नहीं है तो वृद्ध का अंतिम संस्कार करने के बाद भूमि की पैमाइश कराई जा सकती है। सूचना मिलते ही नायब तहसीलदार सुरेश सैनी व लक्सर कोतवाली के एसआई नवीन चौहान मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को शांत कराया। पुलिस ने विरोध कर रहे लोगों पर सख्ती बरतते हुए मौके पर शव का अंतिम संस्कार करा दिया। 

To Top