देहरादून: राज्य के लिए शुक्रवार दुखद खबर लेकर आया। उत्तराखण्ड के सिद्धार्थ नेगी शुक्रवार को अपने जन्मदिन पर ही अचानक विमान हादसे में शहीद हो गए। बंगलूरू में विमान उड़ाने के दौरान उनका विमान हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड हवाई अड्डे पर दुर्घटनाग्रस्त हुआ। स्क्वाड्रन लीडर सिद्धार्थ नेगी के पड़ोसी सुनील नेगी की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार को सिद्धार्थ का जन्मदिन भी था। इस मौके पर उनके परिवार वालों ने सुबह उन्हें फोन पर बधाई भी थी। इसके कुछ देर बाद ही करीब 10:30 बजे हादसा हो गया और सिद्धार्थ की मौत हो गई। देखते ही देखते जन्मदिन की खुशी, मातम में बदल गईं। सिद्धार्थ के पिता पुलिस विभाग से सेवानिवृत्त हैं। मां का नाम सुचित्रा नेगी है।
बदन दर्द से छुटकारा देखें साहस होम्योपैथिक की टिप्स
यह खबर जैसे ही उनके पंडितवाड़ी स्थित आवास पर पहुंची तो पूरे मोहल्ले में मातम छा गया। उनके पिता बलबीर सिंह नेगी, मां और अन्य रिश्तेदार देर शाम फ्लाइट से बंगलूरू पहुंचे। पंडितवाड़ी निवासी बलबीर सिंह नेगी ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी हैं। सिद्धार्थ नेगी ने सेवन ऑक्स स्कूल से 10वीं और केवि एफआरआई से 12वीं उत्तीर्ण की। उसके बाद उनका चयन एनडीए में हुआ। वर्ष 2005 से वर्ष 2008 के बीच इनका प्रशिक्षण हुआ। जून 2009 में वह एयरफोर्स एकेडमी से पास आउट हुए। ट्रेनिंग के दौरान अपनी काबलियत के दम पर उन्हें लोग गोल्डन ब्वॉय कहते थे।
उनका विवाह ध्रुविका से हुआ। ध्रुविका भी एयरफोर्स में अधिकारी हैं और बंगलूरू में तैनात हैं। वायुसेना में स्क्वाड्रन लीडर सिद्धार्थ नेगी शुक्रवार को बंगलूरू में मिराज-2000 प्रशिक्षक विमान उड़ा रहे थे। सिद्धार्थ के अलावा इस विमान हादसे में पायलट स्क्वाड्रन लीडर समीर अबरोल की भी मौत हो गई। दोनों ने पैराशूट की मदद से छलांग भी लगाई, लेकिन वे आग की चपेट में आ गए।मीडिया रिपोर्टों में बताया गया कि पैराशूट से छलांग लगाने के बाद एक पायलट विमान के मलबे पर ही उतरा, जिससे उनकी वहीं मौत हो गई।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि विमान में धमाका होने के बाद आग की लपटें उठने लगीं और घटनास्थल पर धुआं फैल गया। वायुसेना के अधिकारियों के मुताबिक ये विमान आबादी वाले इलाके में गिर सकता था, लेकिन दोनों पायलटों की सूझबूझ से बड़ा हादसा टल गया।