देहरादूनः उत्तराखंड राज्य ने भारत की सेना को कई ऐसे वीर योद्धा दिये है जिनके कई उदहारण हम देखते आ रहा है। राज्य ही नहीं पुरे भारत में सेना के जवानों का लोहा माना जाता है। कई बार देखा गया है। कि कई जवान सेना से घर आकर भी अपनी जिन्दादिली से सबका दिल जीत लेते है। इसी बिच एक ऐसे भी देशभक्त देखने को मिले है। जो जुबान और जबड़ा ना होने पर भी एक प्रोफेशनल गायक के तौर पर उभर के सामने आ रहे है। देहरादून के संदीप गोयल ने कैंसर में अपने जुबान और जबड़ा को खो दिया था।दअरसल 2011 में संदीप को पता चला की उसे मुंह में कैंसर हो गया है। केंसर की आखिरी स्टेज पर होने के कारण संदीप ने जीने की उम्मीद छोड़ दी थी पर एक जवान शायद ही हार मानता। जिसके बाद संदीप ने अपने पुराने नाम को जगाने की थान ली थी , संदीप को आर्मी में ओएनजीसी का र्शिर्ष का गायक कहा जाता था। कैंसर के बाद संदीप ने संगीत को ही अपनी पहचान के रूप में देखते हुए गाना नहीं छोड़ा पर कैंसर से लड़ते हुए संदीप ने अपनी जुबान और जबड़ा खो दिया । जिसके बाद एक चमत्कार सा देखने को मिला की संदीप ने फिर से गाना शुरू कर दिया । कैंसर को मात देने के बाद बोलने की बुंलदी छूने वाले संदीप अब एक प्रोफेशनल गायक बन चुके है। इस से पहले संदीप ने फरीदाबाद के अस्पताल में पांच साल तक ईलाज कराया और कैंसर जैसी घातक बीमारी को मात दी । संदीप पांच साल के इस सफर में अपने परिवार और मित्र मनोज के सहारे को आज भी याद करते है। पर संदीप अब केवल तरल पदार्थो पर ही जीवित है।डॉ तृप्ति मंमगाई ने बताया कि जीभ के कैंसर में संदीप की जीभ को काटना पड़ा थीा पर गले का साउंड बॉक्स आमतौर पर नहीं हटाया गया जिसके बाद जीभ में एक बेस बनाया जाता है। जिससे संदीप बोल सकते है पर साफ नहीं बोल पा रहे है। इससे संदीप को गाने में कोई परेशानी नहीं देखी जा रही है।