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उत्तराखण्ड न्यूज: गिनती ना सुना पाने पर शिक्षकों ने बच्ची को बेरहमी से पीटा


स्कूल में छात्र की पिटाई करना गैरकानूनी है। भारत में इसे अपराध माना जाता है, लेकिन स्कूल में बच्चों के प्रताडित होने के केस अक्सर सामने आते हैं। एक ऐसा ही मामला सूखीढांग क्षेत्र से आ रहा है। बच्ची द्वारा गिनती ना सुना पाने पर टीचर्स ने उसकी बुरी तरह से पिटाई लगा दी। मामला राजकीय प्राथमिक विद्यालय चौड़ाकोट का है। शिक्षक और शिक्षिका ने गिनती न सुना पाने पर कक्षा तीन में पढ़ने वाली मासूम छात्रा की डंडे से बेरहमी से पिट दिया। छात्रा की पीठ पर डंडों के एक दर्जन से अधिक गहरे घाव हैं। एक हफ्ते भी शिक्षकों ने बच्ची की पिटाई की थी। बच्ची के घायल होने के बाद उसे 108 वाहन की मदद से संयुक्त चिकित्सालय ले जाया गया। उपचार के बाद छात्रा को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।

खबर के अनुसार धूरा सूखीढांग निवासी रमेश सिंह की पुत्री सीमा (8) राप्रावि चौड़ाकोट में कक्षा तीन की छात्रा है।शुक्रवार को  स्कूल में शिक्षकों ने गिनती ना सुना पाने पर उसकी पिटाई लगाई। घर लौटी तो कपड़े बदलते वक्त उसकी पीठ पर डंडे के गहरे घाव देख मां दंग रह गई।  इसके बाद अभिभावक स्कूल पहुंचे लेकिन तब तक शिक्षक जा चुके थे।
छात्रा के पिता रमेश सिंह और गांव के कुछ अन्य लोग घायल छात्रा को 108 वाहन से टनकपुर संयुक्त चिकित्सालय इलाज के लिए लाए। चिकित्साधिकारी डॉ. आफताब अंसारी ने भी छात्रा की डंडे से पिटाई होने की बात कही है। उसकी पीठ पर एक दर्जन से अधिक गहरे घाव हैं। अभिभावकों ने शिक्षकों से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली।

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मासूम छात्रा सीमा के पिता रमेश सिंह इस घटना से बेहद आहत है। उन्होंने कहा कि हफ्ते भर पहले भी बच्ची की पिटाई की गई थी। जो भी शिक्षक इस घटना में शामिल होगा, उसके खिलाफ वो सख्त कार्रवाई करेंगे। इस घटना के सामने आने के बाद शिक्षकों को बचाने के लिए ग्रामीणों में काफी क्रोध है। इस मामले पर चंपावत मुख्य शिक्षा अधिकारी बेसिक सत्यनारायण का कहना है कि उनके संज्ञान में यह मामला नहीं आया है। अगर ऐसा कुछ है तो जांच कराई जाएगी और आरोपी को बिल्कुल भी माफ नहीं किया जाएगा।

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