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उत्तराखंड: दो जमातियों के खिलाफ हत्या के प्रयास का केस दर्ज


देहरादून: राज्य में कोरोना मामले बढ़े हैं। 31 मामलों में अधिकतर मामले जमातियों से जुड़े हैं। ये भी सामने आया कि जमाती अपनी पहचान, ट्रैवल हिस्ट्री छिपाने के अलावा डॉक्टर्स व अन्य मेडिकल स्टॉफ के साथ सहयोग नहीं कर रहे हैं। इसके बाद डीजीपी अनिल रुतूड़ी ने 6 अप्रैल तक जमातियों को पुलिस और स्वास्थ्य अधिकारियों के सामने पेश होने को कहा था। उन्होंने साफ किया था कि अगर वह छिपते हैं और फिर पुलिस ने उन्हें पकड़ती है तो उनके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज होगा।

इसी क्रम में पुलिस द्नारा एक्शन लिया गया है। उत्तराखंड डीजी (लॉ ऐंड ऑर्डर) अशोक कुमार ने बताया कि तबलीगी जमात के दो सदस्यों के खिलाफ हरिद्वार में ट्रैवल हिस्ट्री छिपाने, अधिकारियों को गुमराह करने और दूसरों के जीवन को खतरे में डालने के आरोप में आईपीसी की धारा 307 (हत्या के प्रयास) के तहत केस दर्ज हुआ है। दोनों जमातियों में से एक हरिद्वार और एक रुड़की से है। ये दोनों मार्च महीने में राजस्थान के अलवर में एक धार्मिक आयोजन में भाग लिया था।
डीजी ने बताया दोनों को क्वारंटीन कर दिया गया है।

पुलिस को कॉल रिकॉर्ड के आधार पर हमें पता चला कि तबलीगी जमात में शामिल होने के लिए अलवर गए थे और मार्च में लौटे थे। जमात में शामिल होने की बात छिपाने और दूसरों के जीवन को खतरा पहुंचाने के लिए उनके खिलाफ धारा 307 के तहत मामला दर्ज हुआ है।’ उनके साथी का सैंपल पॉजिटिव आया था और इसके बाद भी वह सामने नहीं आए। डीजीपी अनिल रतूरी द्वारा दी गई डेडलाइन के बाद केस दर्ज हुआ है।

बता दें कि पुलिस की चेतावनी के बाद दोरहरिद्वार, देहरादून, पौड़ी और नैनीताल जिले से उनके संपर्क में आए 180 लोगों ने अधिकारियों के सामने सरेंडर कर दिया। डीजी ने बताया, ‘हमने 1 अप्रैल से 5 अप्रैल के बीच आईपीसी और आपदा प्रबंधन अधिनियम की अलग-अलग धाराओं के तहत 41 के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।’ लक्सर में पुलिस ने 4 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था जिन्होंने जमातियों को शरण दी थी।

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