देहरादूनः जहाँ एक ओर उत्तराखंड़ की सरकार डबल इंजन की बात कर रही है। तो वही उत्तराखंड के पहाड़ी इलाके प्रदेश और केंद्र सरकार की पोल खोलते नजर आ रहे है। आज भी कई गांव ऐसे है जहां बिजली , पानी और सड़क जैसी आम जरूरते नहीं दिख रही है। बेरीनाग की एक गांव ऐसा भी है, जहां सड़क ना होने से दो महिलाओ को अपनी जान गंवानी पड़ी। घटना शनिवार की रात की है जब बेरीनाग के राजस्व क्षेत्र गरतिर पट्टी के भूनी में शनिवार की रात आचानक दो महिलाओं की तबीयत खराब हो गई। दोनों बीमार महिलाओं को गांव के लोग पैदल डोली में लेकर अस्पताल ले जाने लगे। रास्ता खराब होने के कारण अस्पताल जानें में समय लगने लगा, जिसके कारण महिलाओं की रास्ते में मौंत हो गई । भूनी गांव की जयंती देवी और धरमा देवी की तबीयत खराब होने से दोनों महिलाओं की मौत हो गई। गांव वालों का कहना है कि रास्ता खराब होने के कारण समय पर उपचार नहीं हो पाया यही वजह रही कि दोनों महिलाओं की मौत हो गई। ग्रामीणों ने बताया कि मुख्य मार्ग से गांव का रास्ता 3 किमी का है। लोगों का कहना है कि उन्होंने कई बार प्रशासन को अपनी परेशानी बताई जा चुकी है।वहीं प्रशासन की ओर से एसडीएम तुषार सैनी कहा कि भुनी गांव में दो महीलाओं की मौत की जानकारी मिली है। मौत का कारण सड़क न होने से मरीजों का अस्पताल समय से न पहुंचना बताया जा रहा है। मामले की जांच की जा रही है। रिपोर्ट के बाद कार्यवाही की जाएगी ।
लोगों का कहना है कि प्रशासन ने पहले रास्ते की व्यव्स्था करी होती तो आज दोनों महिला जिन्दा होती। ग्रामिणों ने प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया जिनमें विरेंद्र सिंह बोरा , किशोर बोरा , हरीश सिंह आदि मौजूद थे ।