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रानीखेत की बेटी उज्जवला ने किया कमाल, बाइक से तय की 3000 KM यात्रा


हल्द्वानी: पहाड़ों में बाइक राइडिंग का क्रेज़ युवाओं में पिछले कुछ वक्त से खूब बोल रहा है। वैसे तो यह केवल एक फैशन के रूप में देखा जाता है लेकिन इसके पीछे एक मिशन होता है। बाइक राइडिंग का नाम सुनते ही लोगों के ध्यान में लड़के आते है लेकिन अब वक्त बदल गया है। बेटियां भी इस दिशा में कुछ अलग करने के इरादे के साथ आगें बढ़ रही है। पहाड़ की बेटी उज्जवला सती ने भी कुछ ऐसा किया है। महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए चौबटिया व्यवसायी जगदीश चंद्र सती व खष्टी सती की 25 वर्षीय बेटी उज्जवला ने (दिल्ली से लेह) 3000 हजार किलोमीटर की यात्रा बाइक से की। हिमालयन आइबेक्स के बैनर तले उज्जवला ने अपनी 4 साथियों के 13 दिन में इस यात्रा को पूरा किया। यह ग्रुप का मकसद अपनी इस यात्रा से महिलाओं को उनको अधिकार के प्रति जागरूक करना था। इस ग्रुप ने 18380 फुट ऊंचे खारदुंगला पास को भी पार किया। इस खबर के सामने आने के बाद पूरा देश व राज्य महिलाओं की इस सोच को सलाम कर रहा है।

इस यात्रा के बारे में उज्जवला सती ने हल्द्वानी लाइव से बात की। उन्होंने बताया 8 जून को चार बार की विश्व रिकॉर्ड विजेता पल्लवी फौजदार के नेतृत्व में उनके ग्रुप ने दिल्ली से लेह लद्दाख की यात्रा शुरू की। 13 तारीक को दल लेह लद्दाख पहुंचा। उज्जवला ने बताया कि बचपन से उन्हें समाज के प्रति कुछ ऐसा करने का मन था जो पीढ़ी के लिए उदाहरण पेश करें। इस यात्रा के दौरान वो जिस स्थान पर रुके वहां उन्होंने जागरूकता का संदेश दिए। उज्जवला कहती है कि इस मुहिम से सभी को जुड़ने की जरूरत हैं। महिलाओं को आगें बढ़ाने की जिम्मेदारी हर किसी की होनी चाहिए। हम इस कार्य से भेदभाव जैसी गंदी बीमारी की जड़ भी खत्म कर देंगे। बता दें कि उज्जवला एमबीए की छात्र भी हैं।

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हिमालयन आइबेक्स के इस ग्रुप ने जोजिला पास, द्रास और कारगिल होते हुए लेह तक का सफर तय किया। वहां से खारदुंगला पास को भी पार किया। इसके बाद 4350 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पैंगोग त्सो लेक और बरालाचला की यात्रा भी की। उज्जवला ने बताया कि 21 जून को उनका ग्रुप दिल्ली वापस लौटा। जगदीश चंद्र सती व खष्टी सती ने अपनी बेटी की कामयाबी पर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि अपने सपनों का पीछा तो हर कोई करता है लेकिन जो समाज के लिए अपनी जिम्मेदारी समझे उससे अच्छा कुछ नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि उज्जवला अपनी इस मुहिम से कई लोगों को प्रेरित करेगी।


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