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उत्तराखण्ड में वर्चुअल क्लासेस की शुरुआत, अब स्मार्ट बनेगी पहाड़ की पीढ़ी


देहरादून: उत्तराखंड देश का पहला राज्य बना है,जहां 500 राजकीय विद्यालय में अब वर्चुअल क्लास शुरू होंगी। वर्चुअल क्लास का फायदा करीब 1 लाख 90 हजार बच्चों को मिलेगा। सबसे पहले राज्य के 13 जिलों में 500 स्कूलों में छात्रों को वर्चुअल क्लासेस में पढ़ाया जाएगा। इसके लिए देहरादून में एक स्टूडियो बनाया गया है, जहां पर विषय विशेषज्ञ शिक्षक बैठेंगे और वो स्कूलों से जुड़े रहेंगे। अल्मोड़ा के 52, बागेश्वर के 10, चमोली के 45, चम्पावत के 15, देहरादून के 46, हरिद्वार के 10, नैनीताल के 61, पौड़ी के 82, पिथौरागढ़ के 40, रूद्रप्रयाग के 21 और टिहरी के 52 विद्यालयों में वर्चुअल क्लासरूम बनेंगे।

एसआईटी व आरओटी के जरिए टू-वे सीमलैस इन्टरएक्टीविटी द्वारा देहरादून स्थित 4 सेंट्रल स्टूडियो से प्रदेश के 500 राजकीय माध्यमिक विद्यालय जुड़ेंगे। शनिवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश के 500 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में वर्चुअल क्लास का उद्घाटन। बता दें कि मौजूदा वक्त में 150 विद्यालयों को पूरी तरह से जोड़ा जा चुका है। अगले 15 दिनों में शेष 350 चिन्हित विद्यालयों को भी जोड़ दिया जाएगा। इस फैसले से स्कूलों में शिक्षकों की कमी को पूरा किया जाएगा। इसके अलावा विशेष विषय पर विशेषज्ञ बच्चों को पढ़ाएंगे।

उद्घाटन ने दौरान सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि बजट 2010-11 से उपलब्ध था, लेकिन कोई निर्णय नहीं लिया गया। राज्य के स्कूलों को तकनीक के माध्यम से बेहतर बनाया जाएगा। इससे बच्चे भी स्मार्ट बनेंगे। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रस्तावों के लिए केंद्र सरकार से मदद मिलती है। वर्चुअल क्लास में एकेडमिक पढ़ाई के साथ ही कैरियर परामर्श, प्रतियोगिताओं की तैयारी और साक्षरता पर जोर दिया जाएगा। वर्चुअल क्लासरूम तकनीक नवीनतम तकनीक है. यह स्मार्ट क्लासरूम व आईसीटी लैब से आधुनिक है।

सेन्ट्रलाईज्ड स्टूडियो के माध्यम से विषय विशेषज्ञों द्वारा कक्षा 6-12 तक के विभिन्न विषयों की पढ़ाई संचालित की जाएगी। वर्चुअल क्लासरूम के माध्यम से परीक्षाओं की तैयारी की जा सकेगी। वर्चुअल क्लासरूम के माध्यम से छात्रों को कैरियर व गाइडेन्स भी प्रदान किया जा सकता है, जो उनके भविष्य के लिए लाभदायक होगा। की जा रही है।

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