हल्द्वानी: गर्मी के मौसम को देखते हुए हर साल उत्तराखण्ड में सैलानियों का जमावड़ा लगता है। पिछले कुछ सालों सेे इस संख्या में बढोतरी हुई है जिसने खुद सैलानियों को परेशान किया है। पिछले एक हफ्ते से नैनीताल, मसूरी और चारधाम यात्रा मार्ग में लग रहे जाम ने सैलानियों को खूब परेशान किया। जो रास्ता एक घंटे में कवर होता था, वहां पहुंचने में यात्रियों को 3-4 घंटे लग रहे हैं। ट्रैफिक जाम के हॉर्न को सरकार ज्यादा दिन तक नजरअंदाज नहीं कर पाई।
पर्यटन नगरियों में लग रहे जाम के विषय में मुख्य सचिव ने सोमवार शाम आला पुलिस और प्रशासनिक अफसरों की बैठक बुलाई। बैठक में रूट डायवर्जन के लिए आसपास के जिलों से तालमेल बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अगले दो सप्ताह पेयजल और शौचालय की व्यवस्था, पेट्रोल पंपों पर ईंधन की पर्याप्त मात्रा और एटीएम में कैश पर ध्यान देने को कहा गया है। इसके अलावा उत्तराखंड में मानसून आने की संभावना को देखते हुए विशेष व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मानसून में यात्रियों को कोई समस्या ना हो इसके लिए अभी से पूरी तैयारी कर ली जाए। यातायात मार्गों में व्यवस्थाएं पूरी रहें।
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों के साथ चारधाम यात्रा मार्गों पर यातायात, सफाई, पानी, पेट्रोल व कैश की उपलब्धता की समीक्षा की।इस मौके पर उन्होंने ये भी कहा कि जहां पर यात्री रुक रहे हैं, वहां पर पार्किंग की व्यवस्था की जाए।अगले दो सप्ताह के लिए पीआरडी व होमगार्डों के माध्यम से यातायात की व्यवस्थाएं की जाएं। सुचारु यातायात के लिए बाटल नेक पॉइंट्स में विशेष व्यवस्थाएं की जाएं। सभी जिलों में अगले दो सप्ताह के लिए आवश्यक मानव संसाधन तैनात कर लिया जाए।
इस दौरान पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक (अपराध एवं कानून व्यवस्था) अशोक कुमार, सचिव आपदा प्रबंधन अमित नेगी सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।